झांसी ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह रहा है. ऐसे में किसी काम के सिलसिले में झांसी जाना हो. तो कुछ जगहों का दीदार करना आपके सफर को यादगार बना सकता है.
झांसी की रानी का नाम इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है. यहां घूमने के लिए झांसी का किला, म्यूजियम और शाही महल जैसी कई मनमोहक जगह हैं.
झांसी का किला बगीरा नाम की एक पहाड़ी पर स्थित है. जिसका एक हिस्सा 1857 की क्रांति में नष्ट हो गया था. इस किले का निर्माण 17वीं शताब्दी में राजा बीर सिंह ने करवाया था.
झांसी के किले से रात के समय झांसी शहर का नजारा बहुत ही मनमोहक नजर आता है. झांसी के किले में लक्ष्मीबाई पार्क और गणेश मंदिर भी है.
उन्नीसवीं शताब्दी में बना म्यूजियम भी झांसी शहर में मौजूद है. ये संग्रहालय रानी लक्ष्मीबाई को समर्पित है. म्यूजियम में ऐसी दुर्लभ कलाकृतियां मौजूद हैं.
ये कलाकृतियां बुंदेलखंड के सदियों पुराने इतिहास को बयां करती हैं. बता दें कि झांसी का ये म्यूजियम देश के सबसे पुराने संग्रहालयों में से एक है.
ओरछा किले का निर्माण 1501 में बुदेंल के राजा रुद्र प्रताप सिंह ने करवाया था. ये किला बेतवा नदी के आईलैंड पर बसा हुआ है. यहां आप रिवर राफ्टिंग और बोटिंग कर सकते हैं.
झांसी की रानी का महल शाही महल कहलाता है. इसकी वास्तुकला बहुत खूबसूरत है. ये महल दो मंजिला है और 6 हॉल मौजूद हैं. दरबार हॉल को महल की शान कहा जाता है.
ये छत्री झांसी नरेश और रानी लक्ष्मीबाई के पति राजा गंगाधर राव को समर्पित है. इस छत्री का निर्माण रानी लक्ष्मीबाई ने पति की याद में करवाया था. छत्री के पास ही लक्ष्मी झील और महालक्ष्मी मंदिर भी है.