यह व्रत अखंड सौभाग्य के लिए किया जाता है.
भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली तृतीया तिथि 01 सितंबर 2023 को रात के 11 बजकर 50 मिनट पर शुरू होकर 02 सितंबर 2023 को रात के 08 बजकर 49 मिनट पर खत्म हो रही है. 2 सितंबर 2023 को कजरी तीज मनाई जाएगी.
कजरी तीज के दिन सुबह 7 बजकर 57 मिनट से लेकर सुबह 9 बजकर 31 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है और पूजा के लिए रात के समय 9 बजकर 45 मिनट से लेकर रात के ही11 बजकर 12 मिनट तक शुभ मुहूर्त है.
व्रत वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठे और स्नान आदि कर व्रत का संकल्प करें.
पूजा स्थल को साफ कर चौकी पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछा दे और इसी पर माता पार्वती और भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करें.
प्रतिमा मिट्टी से स्वयं ही बनाएं या फिर बाजार से लाकर भी चौकी पर स्थापित कर सकती हैं.
शिव-गौरी का विधि विधान से और पूरे मन से पूजन करें. इस समय पूजा सामग्री में सुहाग के 16 शृंगार भी रखें. इन्हें माता गौरी को अर्पित करें.
भगवान शिव को पूरे मन से बेलपत्र, गाय का दूध, गंगा जल के साथ ही धतूरा अर्पित करें और फिर शिव-गौरी के विवाह की कथा सुनें.
रात्रि में चंद्रोदय हो जाए तो पूजा करें. हाथ में चांदी की अंगूठी व गेहूं के दाने लें और इसी प्रकार चंद्रदेव को जल अर्पित करें.
पूजा समाप्त हो जाए तो सौभाग्यवती स्त्री को आप सुहाग की वस्तुएं दान कर सकती हैं और उनका आशीर्वाद लें, इस तरह व्रत खोल दें.
पति की लंबी उम्र के लिए और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए इस कजरी तीज के व्रत को रखा जाता है. दांपत्य जीवन में प्रेम बना रहता है और कुंवारी लड़कियों को मनचाहा वर मिलता है.