बब्बर शेर देखना है तो यूपी में यहां आइए, किले-घने जंगलों का ये इलाका, सैलानियों की पहली पसंद
इटावा में किसी शानदार जगह घूमने की बात होती है तो सबसे पहले 8 किमी की परिधि में फैले सफारी पार्क का नाम आता है. यहां करीब 15 बब्बर शेर और दूसरे जानवरों को आप प्राकृतिक वातावरण में देख सकते हो.
इटावा के गौरवशाली इतिहास की झलक देखनी हो तो राजा सुमेर सिंह फोर्ट जरूर देखना चाहिये. यमुना नदी के किनारे बने इस किले की सुंदरता सैलानियों को खूब आकर्षित करती है.
इटावा का यमुना चंबल संगम स्थल प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है. कहा जाता है कि जो सैलानी यहां घूम लिया उसे फिर इटावा आने का मलाल नहीं रहता.
ब्रिटिश काल में बनाया गया यह गार्डन केवल स्थानीय लोगों के लिए ही नहीं बल्कि दूसरे शहरों से आए सैलानियों के लिए भी घूमने की प्रमुख जगह है. यहां आपको दर्जनों किस्म के पेड़ पौधे मिलते हैं.
जिला मुख्यालय से करीब 5 कि.मी. दूर यह मंदिर यमुना नदी के किनारे स्थित है. देवी के भक्तों में इस मंदिर की बहुत मान्यता है.
इटावा के लिए दिल्ली से स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस, नेताजी एक्सप्रेस, टाटानगर एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें चलती हैं. इसके अलावा यहां आने के लिए बस और टैक्सी भी आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं.
इटावा पहुंचने के लिए आप फ्लाइट भी पकड़ सकते हैं. यहां से निकटतम हवाई अड्डा कानपुर है. कानपुर से इटावा के लिए बस और टैक्सी दोनों तरह की सुविधाएं हैं.
इटावा एक छोटा और सस्ता शहर है. इसलिए यहां रहना और खाना दोनों ही बड़े शहरों की तुलना में सस्ता है. यहां 600 रु. में होटल रूम और खाना 100 से 400 रु. में खा सकते हैं.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.