श्रीकृष्ण की 8 पटरानियां थी, इन सभी स्त्रियों से उन्हें 10-10 पुत्र प्राप्त हुए थे.
श्रीकृष्ण के जीवन पर एक काव्य ‘प्रेम सागर’रचा गया जिसमें इस बारे में बताया गया है.
काव्य के अनुसार श्रीकृष्ण की 8 पटरानियां थीं. जिनसे उन्होंने स्वयं ही विवाह रचाया था.
सबसे पहली पटरानी रुक्मणि थी जिनको देवी लक्ष्मी का अवतार माना गया.
रुक्मणी विदर्भ के राजा भीष्मक की पुत्री थीं और श्रीकृष्ण से प्रेम करती थी. रुक्मिणी हरण कर श्रीकृष्ण ने प्रेम विवाह किया.
रुक्मिणी के पुत्रों का नाम था- प्रद्युम्न, चारुदेष्ण, सुदेष्ण, चारुदेह, सुचारू, चरुगुप्त, भद्रचारू, चारुचंद्र, विचारू और चारू
इसके अलावा जाम्बवन्ती, सत्यभामा, कालिन्दी, मित्रबिन्दा, सत्या, भद्रा के साथ ही कैकेय देश की राजकुमारी लक्ष्मणा भी श्रीकृष्ण की पत्नियां थीं.
इनमें कालिन्दी सूर्यदेव की पुत्री और श्री कृष्ण की चौथी पत्नी थीं.
इन सभी स्त्रियों से 10-10 पुत्र और एक-एक पुत्री कृष्ण को प्राप्त हुईं.
पौराणिक पात्रों की यह कहानी धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों में किए गए उल्लेख पर आधारित है. इसके एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.