द्वापर युग में धर्म की रक्षा के लिए कुरुक्षेत्र के मैदान में महाभारत का युद्ध लड़ा गया था, जो 18 दिनों तक चला था.
महाभारत के पांडव और कौरवों के कई पात्रों के बारे में आप जानते होंगे लेकिन इनमें कई ऐसे भी हैं, जिनके बारे में ज्यादात लोगों को नहीं पता है.
हिंदू महाकाव्य महाभारत में आपने कर्ण के बारे में सुना होगा कि वह कितना शक्तिशाली था. वह बेहद पराक्रमी था.
लेकिन क्या आप जानते हैं महाभारत के योद्धा कर्ण के 10 पुत्र थे, लेकिन युद्ध के बाद में केवल एक ही जिंदा बचा था.
कर्ण के 10 पुत्र थे, जिनके नाम थे - वृषसेन, चित्रसेन, सत्यसेन, सुषेण, सुदामा, शत्रुंजय, द्विपाता, बनसेन, प्रसेन, वृषकेतु.
कर्ण और उनकी पत्नी पद्मावती के सबसे बड़े बेटे वृषसेन थे. वृषसेन, कौरव सेना का एक महायोद्धा और कुशल धनुर्धर था.
वृषसेन ने पिता कर्ण के साथ कुरुक्षेत्र युद्ध के 11वें दिन युद्ध में प्रवेश किया.
वृषसेन ने उपपांडव, द्रुपद, धृष्टद्युम्न, नकुल, सहदेव, विराट और कई अन्य प्रमुख योद्धाओं का सामना किया.
17वें दिन के युद्ध में, अर्जुन ने कर्ण और वृषसेन का वध कर दिया.
महाभारत युद्ध के बाद, वृषकेतु ही कर्ण का एकमात्र जीवित पुत्र रहा.
कुरुक्षेत्र युद्ध की घटनाओं के बाद, अर्जुन ने वृषकेतु को प्रशिक्षित किया और बाद में उसे अंग का राजा बना दिया.
पौराणिक पात्रों की यह कहानी धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों में किए गए उल्लेख पर आधारित है. इसके काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.