होली का त्योहार रंग-गुलाल, प्यार का उत्सव है.
यूपी के साथ ही पूरे देश के अलग-अलग हिस्सों में होली कई तरह से मनाई जाती है.
मोक्ष नगरी काशी की होली बिल्कुल अलग, अद्धभुत और अकल्पनीय होती है.
यहां मणिकर्णिका घाट पर जलने वाले इंसानों के राख से भस्म होली खेली जाती है.
इसे मसाने की होली भी कहा जाता है.
यह रंगभरी एकादशी के अगले दिन खेली जाती है.
यह दुनिया का इकलौता शहर है, जहां धधकती चिताओं के बीच भस्म होली खेली जाती है.
मान्यता है कि बाबा विश्वनाथ दिगंबर रूप में डमरू, ढोल और झांझ की नाद के बीच अपने भक्तों के साथ होली खेलते हैं.