मेरठ को पांच बड़े हाईवे से मिलेगी रफ्तार, वेस्ट यूपी में रोड नेटवर्क का बनेगा हब

बदल जाएगी सूरत

6 महीने में ही शहर की सूरत बदली नजर आएगी. व्यापार, शिक्षा और उद्योगों के लिए नए रास्ते खुलेंगे. मेरठ पांच नेशनल हाईवे से जुड़ा है.

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे

NH-235, NH-58, NH-119, NH-709A और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे को जोड़ा जा रहा है. इसमें खर्चा 992 करोड़ रुपये आंका गया है.

सिसौली के पास इंटरचेंज

गढ़मुक्तेश्वर से मेरठ आने वाले NH-709A पर तेजी से काम चल रहा है. गढ़ रोड पर सिसौली के पास इंटरचेंज बनेगा. यहां से मेरठ-हापुड़ NH-235 के लिए सड़क तैयार की जा रही है.

5वें चरण का काम

आउटर रिंग रोड के तहत सिसौली से होते हुए हापुड़ रोड पर लोहियानगर के पास डंपिंग ग्राउंड पर जाकर जुड़ेगा. यहीं से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के 5वें चरण का काम चल रहा है.

समय की बचत

आउटर रिंग रोड के आकार लेते ही हापुड़, बुलंदशहर, मुरादाबाद, बागपत जाने के लिए शहर के अंदर आने की जरूरत नहीं होगी और समय भी 30 से 40 फीसदी तक बचेगा.

मवाना रोड से जुड़ेगा

गढ़ रोड को मवाना रोड से भी जोड़ा जा रहा है. सिसौली के पास से ही भावनपुर होते हुए सलारपुर तक 12.028 किमी. के करीब सड़क का निर्माण चल रहा है.

सलारपुर में इंटरचेंज

इसकी लागत 992 करोड़ आंकी गई है, जिसे फरवरी 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है. सलारपुर में भी इंटरचेंज प्रस्तावित है, जहां से दौराला के पास से होते हुए NH-58 पर सड़क मिलेगी.

चौड़ीकरण का काम

परतापुर गंगोल से चांदसारा, फफूंडा होते हुए 7.52 किमी. मार्ग का 40 करोड़ 45 लाख से चौड़ीकरण किया जा रहा है. इसके लिए शासन ने 14 करोड़ 15 लाख 90 हजार रुपये जारी किए हैं.

डीपीआर तैयार

दिल्ली रोड पर पूठा से वेदव्यासपुरी होते हुए NH-58 को जोड़ने की तैयारी है, मेडा ने 30 करोड़ रुपये की डीपीआर इसके लिए तैयार की है.

सर्वे हुआ पूरा

एनसीआरटीसी की ओर से ली एंड एसोसिएट्स ने ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) नीति के लिए सर्वे पूरा हो चुका है.

परतापुर व मोदीपुरम

रैपिड कॉरिडोर के तहत परतापुर व मोदीपुरम में स्पेशल डेवलपमेंट एरिया (एसडीए) और सात ट्रांजिट ओरिएंटेड डवलपमेंट (टीओडी) जोन भी हैं.

शहर का नक्शा

एसडीए और आईजेड का जोनल प्लान ली एंड एसोसिएट्स तैयार कर रही है. इसके लिए ड्रोन से भी शहर का नक्शा बनाने का काम चल रहा है.

मिश्रित भू-उपयोग

महायोजना में रैपिड कॉरिडोर को मिश्रित भू-उपयोग में शामिल किया गया है. इसमें शोरूम, कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स, होटल, रेस्टोरेंट और घर भी बनेंगे.

डिमांड को लेकर सर्वे

टीओडी नीति के तहत आरआरटीएस कॉरिडोर पर 3200 हेक्टेयर में मिश्रित भू-उपयोग रहेगा. इसके तहत कंपनी ने डिमांड को लेकर सर्वे पूरा कर लिया है.

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