आपने कई तरह की दाल खाई होगी पर क्या आपने कभी दाल को चाट या स्नैक्स के तरह खाया है.
आज हम मुरादाबाद की फेमस मूंग दाल की बात कर रहे है. इसे मुरादाबादी दाल के नाम से भी जाना जाता है.
कहा जाता है कि मुगल शासक शाहजहां के सुपुत्र प्रिंस मुराद जिन्होंने मुरादाबाद शहर की स्थापना की थी.
आप इसका लुत्फ मक्खन में सिखे पाव, रुमाली रोटी या सादा रोटी के साथ ले सकते हैं. इस दाल को पकाते समय जो मलाई पड़ती है वो काफी जायकेदार होती है.
मुरादाबादी दाल के इस समय शहर में 300 से ज्यादा ठेले है, अब लोग इसे समोसे और बेसन की पापड़ी के साथ खाना भी पसंद कर रहे है.
स्वाद के पीछे का सारा हुनर पकाने वाले का है. दाल और पानी से सही अनुपात से ही सटीक गाढ़ापन मिलता है. तैयार दाल को पीतल की परात में पलट दिया जाता है. जिसमें इशे काफी देर तक घोंटा जाता है.
फेमस मुरादाबादी दाल की दुकानें कांठ, संभल रोड, रामलीला मैदान, परशुराम चौक, जीएमडी रोड पर दुकानें मौजूद हैं.
मुरादाबादी दाल को मिट्टी की हांडी, कुल्हड़ या कसोरे में परसा जाता है. दाल में पड़ने वाला मक्खन, भुना जीरा, अदरक, काला नमक, चाट मसाला, धनिया और ऊपर से पड़ने वाली भुनी मिर्च इसे और स्पेशल बना देती है.
पकते समय परात पर लगी दाल की खुरचन इसे अलग ही स्वाद देती है. कई लोग मुरादाबादी दाल की खुरचन के इतने दीवाने हैं कि वे इसके लिए अतिरिक्त पैसे भी देने को तैयार रहते हैं