बुलेट ट्रेन, रैपिड रेल, वंदेभारत के साथ भारत के पांच शहरों में अगले दो साल में स्काई बस भी शामिल होगी. वाराणसी, पुणे, हैदराबाद, गुरुग्राम और गोवा में स्काई बस चलाने की तैयारी.
स्काई बस के सिर्फ स्टेशन के लिए जमीन अधिग्रहण चाहिए. रोड के बीच डिवाइडर पर पिलर बनाकर ही रूट तैयार हो जाएगा.
स्काई बस सड़क के ट्राम मोड में होगी, यानी उसके ऊपर लेकिन मेट्रो से उल्टी
नितिन गडकरी की वाराणसी, पुणे, हैदराबाद, गुरुग्राम और गोवा में स्काई बस चलाने की तैयारी.
स्काई बस मेट्रो के मुकाबले 50 फीसदी सस्ती है. एक बोगी में 300 यात्री आ सकते हैं.
स्काई बस में ट्रैक पिलर पर बनते हैं. इसमें 3 बोगी जुड़ सकती हैं. बोगी के ऊपर पहिये होते हैं, जो हुक के जरिए पटरियों पर रहते हैं
स्काई बस कोच पटरियों से नीचे होते हैं. 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती. मेंटेनेंस खर्च भी कम
स्काई बस में एक ट्रेन को अप से डाउन लाइन पर लाने के लिए अलग से पटरी नहीं बिछानी पड़ती. पूरी पटरी शिफ्ट होकर दूसरी ओर चली जाती है
भारत में स्काई बस के सूत्रधार कोंकण रेलवे के डायरेक्टर रहे बी राजाराम थे. उन्होंने 2004 में गोवा के मडगांव में 1.6 किमी का ट्रायल ट्रैक बनाया था.
स्काई बस ट्रायल के दौरान हादसे में इंजीनियर की मौत होने के बाद प्रोजेक्ट को रोक दिया गया था