ब्रह्म कमल ऐसा रहसयमई फूल है जो भगवान ब्रह्मा से जुड़ा है. इसका वैज्ञानिक नाम ससोरिया ओबिलाटा है.
ऐसा कहा जाता है कि केवल भाग्यशाली लोग इस फूल को खिलते हुए देख सकते हैं और जो इस फूल को खिलते देख लेता है उसे सुख और संपति मिलती है.
मान्यता अनुसार भगवान विष्णु का जन्म ब्रह्म कमल से हुआ था.ब्रह्म कमलआज भी देवभूमि के पहाड़ो पर उगता है. इस फूल को देवभूमि का स्वर्ग कहा जाता है.
माना जाता है कि ब्रह्म कमल के पौधे में साल में केवल एक ही बार फूल आता है. यह ब्रह्मा कमल केवल रात्रि में ही खिलता है.
इस फूल को खिलने में 2 घंटे का समय लगता है.मानसून के महीनों के दौरान खिलता है.
इस ब्रह्म कमल के सुगंध का जिक्र महाभारत में भी मिलता है. ऐसा माना जाता है कि ब्रह्म कमल को द्रौपदी पाने के लिए व्याकूल हो गई थी.
माना जाता है कि जब भगवान विष्णु हिमालय क्षेत्र में आए तो भोलेनाथ को 1000 ब्रह्म कमल चढ़ाए. जिनमें एक पुष्प कम हो गया था.
माना जाता है कि इसकी पंखुड़ियों से अमृत की बूंदे टपकती है. इससे निकलने वाले पानी को पीने से थकान मिट जाती है. इससे पुरानी खांसी का भी इलाज किया जाता है.