उत्तराखंड में घूमने के लिए कई टूरिस्ट स्पॉट हैं. नैनीताल इन्हीं से एक है. अगर नैनीताल घूमने जा रहे हैं तो नैना पीक बेहतर विकल्प हो सकता है. यह चीना पीक के नाम से भी जाना जाता है. नैना पीक से एक तरफ हिमाचल दिखता है तो दूसरी तरफ तिब्बत की ऊंची-ऊंची चोटियां दिख जाती हैं.
नैना पीक नैनीताल की सबसे ऊंची चोटी है. यह समुद्र तल से 2,611 मीटर की ऊंचाई पर है.
यह नैनीताल शहर से करीब 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
यहां पहुंचने के लिए आपको घने जंगल से होकर गुजरना पड़ता है.
नैना पीक सैलानियों के बीच ट्रेकिंग के लिए सबसे पसंदीदा जगह है.
नैना पीक की ऊंचाई तक पहुंचने के लिए टांकी नामक जगह से 3 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई चढ़नी होती है.
कहा जाता है कि इस चोटी से पूरे नैनीताल का दीदार कर सकते हैं. यहां से पूरा शहर दिखता है.
नैना पीक, नंदा देवी बर्ड कंजर्वेशन रिजर्व के अंदर आता है. यहां बड़ी संख्या में बर्ड वॉचर भी आते हैं.
साल 1880 में आए भयानक भूस्खलन के कारण इस चोटी की ऊंचाई घट गई.
तब से यहां से सिर्फ नैनीताल शहर और आसपास के इलाके दिखने लगे. तभी से इस चोटी का नाम नैना पीक पड़ गया.
नैना पीक ट्रैक पर वन विभाग की ओर से 50 रुपये का टिकट दिया जाता है. पहले यह फ्री था.
नैना पीक को पहले चाइना पीक के नाम से जाना जाता था. बाद में इसका नाम बदलकर नैना पीक कर दिया गया.