कंधे और गर्दन के दर्द से हैं परेशान? ये 4 योगासन है रामबाण

योग का अभ्यास

गलत पॉश्चर की वजह से रीढ़ की हड्डी भी टेढ़ी हो सकती है, जिससे कूबड़ निकल आता है. इन समस्याओं से बचने के लिए और अपने पॉश्चर को बेहतर बनाने के लिए आप योग का अभ्यास कर सकते हैं.

ये योग हैं फायदेमंद

बलासन, भुजंगासन, सेतुबंधासन और अर्ध मत्स्येंद्रासन जैसे योगासन गर्दन और कंधों के तनाव को कम करने, रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने, पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करते हैं.

बलासन

इसे करने के लिए घुटनों के बल बैठें. फिर, पैरों को मिलाकर आगे की ओर झुकें और पेट अपनी जांघों पर टिका लें. हाथों को सिर के सामने या शरीर के बगल में रखें. ऐसे 30 सेकंड से 1 मिनट तक रुकें.

मार्जरीआसन-बितिलासन

इसे करने के लिए, पहले हाथों और घुटनों के बल आ जाएं. अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें और अपने सिर को तटस्थ स्थिति में रखें. सांस छोड़ते हुए, अपनी पीठ को ऊपर उठाएं और अपने सिर को नीचे करें.

ध्यान रखें ये बात

आपकी रीढ़ की हड्डी एक उल्टे U के आकार में हो. सांस लेते हुए अपनी रीढ़ की हड्डी को नीचे करें और अपने सिर को ऊपर उठाएं. ताकि आपकी रीढ़ की हड्डी एक U के आकार में हो. इसे 10-15 बार दोहराएं.

भुजंगासन

इस आसन को करने के लिए, पहले पेट के बल लेट जाएं. अपने माथे को जमीन पर रखें और अपने पैरों को सीधा रखें. अपने हाथों को अपनी छाती के नीचे रखें और अपनी कोहनियों को मोड़ें.

इतनी देर रहें

सांस लेते हुए, अपनी छाती और पेट को ऊपर उठाएं, जितना आप आराम से कर सकें. अपने कूल्हों और पैरों को जमीन पर रखें. इस पोजीशन में 15-30 सेकंड तक रुकें. सांस छोड़ते हुए वापस नीचे आएं.

सेतुबंधासन

इस आसन को करने के लिए, पहले अपनी पीठ के बल लेट जाएं. अपने घुटनों को मोड़ें और अपने पैरों को फर्श पर सपाट रखें. अपने हाथों को अपने शरीर के बगल में रखें.

इतनी देर रहें

सांस लेते हुए कूल्हों को ऊपर उठाएं, ताकि आपका शरीर एक उल्टे V के आकार में हो. घुटनों को 90 डिग्री के कोण पर रखें. ऐसे 30 सेकंड से 1 मिनट तक रुकें. सांस छोड़ते हुए वापस नीचे आएं.

शोल्डर ओपनर

इस आसन को करने के लिए सीधे खड़े होकर मांसपेशियों को आराम दें. फिर हथेलियों को पीछे की ओर ले जाते हुए आपस में मिलाएं. जितना हो सके कंधों को पीछे की ओर खींचे. फिर वापस पुरानी स्थिति में लौट आएं.

Disclaimer

यहां दी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए है. आसन की सही स्थिति के बारे में जानने के लिए किसी योगगुरु से संपर्क कर सकते हैं.

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