आदिपुरुष छोड़ो, पुरानी रामायण की शूटिंग ये अनदेखी यादगार तस्वीरें मनमोह लेंगी
रामायण सीरियल को आपने भी जरूर देखा होगा. इस सीरियल को दूरदर्शन पर प्रसारित किया जाता था. इसका निर्माण रामानंद सागर ने किया था. पहली बार इसका प्रसारण 1987 में किया गया. इस सीरियल की लोकप्रियता इतनी थी कि लोग इसके किरदारों को ही असली के राम, लक्ष्मण और सीता समझते थें.
आगे हम आपको कुछ ऐसी फोटो दिखाने वालें हैं जो शायद ही पहले किसी ने देखी हों. पुरानी रामायण की इन अनदेखी तस्वीरों का आप भी आनंद लें.
25 जनवरी 1987 में रामायण को पहली बार टेलीकास्ट किया गया. 33 साल बाद लॉकडाउन में इसको फिर से प्रसारित किया गया. इसकी लोकप्रियता आज भी बरकरार है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक पहली जब इस सीरियल को दिखाया गया तो हर सप्ताह इसको 10 करोड़ लोग देखते थे.
अपने एक इंटरव्यू में रामानंद सागर ने कहा था कि उनको इस सीरियल को बनाने में उतनी परेशानी नहीं हुई जितनी इसको पास कराने में हुई. उन्होंने हार नहीं मानी और अंत में इस सीरियल को दूरदर्शन पर दिखाया गया.
इसकी ज्यादातर शूटिंग रामानंद सागर के बंगले में हुई. बाकि की कुछ शूटिंग गुजरात और महाराष्ट्र की सीमा के पास बसे गांव उमरगाम इलाके में हुई.
इसकी ज्यादातर शूटिंग रात में की जाती थी जो तड़के सुबह तक चलती थी. शूटिंग सोमवार से गुरुवार तक चलती थी.
बताया जाता है कि इस शूटिंग के समय सेट पर 200 से 300 लोग काम किया करते थे. कुछ गांव के लोगों ने भी इसमें काम किया है.
लंका दहन का सीन शूट करने के लिए गुरुग्राम का अपर्णा स्टूडियो चुना गया. और राम सेतु की शूटिंग चेन्नई में की गई.
रामायण सीरियल ने लोकप्रियता के सारे रिकार्ड ध्वस्त कर दिए. लॉकडाउन के वक्त भी लोगों ने इसको काफी पसंद किया.
इस सीरियल की लोकप्रियता इतनी थी कि लोग इसके किरदारों को ही असली के राम, लक्ष्मण और सीता समझते थें.