Pitra Paksha 2023 Pind Daan : पितृ पक्ष यानी श्राद्ध पक्ष शुरू हो गया है. श्राद्ध पक्ष में पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. वहीं, पिंडदानके लिए धर्म ग्रंथों में कई तीर्थ स्थान बताए गए हैं.
मान्यता है कि गया में मां सीता ने राजा दशरथ को पिंडदान किया था. इसके अलावा गया में ही भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी.
जानकारी के मुताबिक, गया में पिंडदान करने से पितरों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है. इसका मतलब है कि वह जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त होंगे.
वहीं, गया के अलावा कई और स्थान हैं, जहां पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है.
प्रगयाराज में संगम किनारे पिंडदान करने से कई गुना अधिक पुण्य फल की प्राप्ति होती है. पिंडदान के बाद यहां गंगा आरती का दर्शन करें.
हिन्दू धर्म ग्रंथों में वाराणसी को मोक्ष की नगरी कहा जाता है. काशी में गंगा किनारे पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. पिंडदान के बाद बाबा विश्वनाथ के दर्शन जरूर करें.
हरिद्वार में गंगा नदी के किनारे पितरों को तर्पण करने का खास महत्व है. यहां पितरों की मोक्ष प्राप्ति की पूजा विधि पूर्वक करने का विधान है. पिंडदान के बाद गंगा आरती में जरूर भाग लें.
मध्य प्रदेश के उज्जैन में क्षिप्रा नदी के किनारे पिंडदान की परंपरा बहुत पुरानी है. यहां पिंडदान से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति मिलती है.
मथुरा में यमुना नदी के किनारे पितरों का तर्पण करने से मोक्ष मिलता है. यहां श्राद्ध पक्ष में बहुत अधिक संख्या में पिंडदान के लिए भक्त आते हैं.