जानकारों का कहना है कि पितृपक्ष के 15 दिनों में कोई भी शुभ या नए काम की शुरुआत नहीं करनी चाहिए. इसके अलावा शादी, विवाह, मुंडन और गृह प्रवेश जैसे काम भी नहीं करना चाहिए.
पितृ पक्ष के दौरान मांस, मछली और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा लहसुन और प्याज खाने से भी लोगों को परहेज करना चाहिए.
साथ ही लौकी, खीरा, चना और सरसों का साग भी नहीं खाना चाहिए. इससे भी पितर नाराज होते हैं.
पितृपक्ष के दौरान पशु पक्षियों को सताना भी नहीं चाहिए. इन 15 दिनों में पितर पशु और पक्षियों के रूप में धरती लोक आते है.
पितृपक्ष में तर्पण करने वाले व्यक्ति को बाल, दाढ़ी और नाखून भी नहीं काटना चाहिए. ऐसा करने से भी पितर नाराज होते हैं.