आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल

इस एक्सप्रेस में आधुनिक तकनीक का बेहतरीन इस्तेमाल हुआ है. यह जर्मन टेक्नोलॉजी बेस्ड एक्सप्रेस वे है. अगर आप ईवी से सफर तय करना चाहते हैं तो आपको एक्सप्रेसवे पर जगह-जगह ईवी चार्जिंग प्वांइट्स मिलेंगे.

कंट्रोल रूम बनाया गया

देश के सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे में कंट्रोल रूम भी बनाया गया है. रविवार को केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इसका निरीक्षण किया.

टूरिज्म को बढ़ावा

एक्सप्रेस-वे से होकर गुजरने वाले मुसाफिरों के लिए रास्ते के किनारे 94 साइट सीन और सुविधाएं होंगी. इस एक्प्रेस-वे पर 40 से अधिक इंटरचेंज भी बनाए गए हैं.

मौसम की जानकारी मिलेगी

एक्सप्रेस वे को मॉर्डन सुविधाओं से लैस किया गया है. हाईवे पर मौसम की जानकारी की भी सुविधा होगी. हर 50 किलोमीटर पर रेस्ट एरिया होगा. इस हाईवे पर अधिकतम स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटा होगी.

समय और पैसे की बचत

इस एक्सप्रेस-वे से दिल्ली-मुंबई के बीच की यात्रा दूरी में करीब 12 फीसदी की कमी आएगी. बताया जा रहा है कि सड़क की लंबाई 1424 किलोमीटर से कम होकर 1242 किलोमीटर रह जाएगी. यात्रा में लगने वाला समय 50 प्रतिशत कम होगा.

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