प्रेमानंद जी महाराज के सत्संग में लोग अपने मन उलझनों को प्रेमानंद जी के सामने रखकर उसका समाधान ढूंढते हैं.
प्रेमानंद जी महाराज के प्रवचन सुनने दूर से लोग आते हैं और अपने सवाल पूछते हैं. हाल ही में महाराज जी ने बताया कि किसी की हाय लगने से क्या होता है?
प्रेमानंद जी ने बताया कि जहां आप पैदा हुए उस परिवार में आपका ऋण है. तभी आप उस परिवार में आए हैं.
जब तक आप उस ऋण को नहीं चुकाते हैं ये भी तय है कि वहां से जा नहीं सकते. ये पूर्व के जन्मों से तय है.
जिस तरह किसी के घर पुत्र जन्मा, तब से ही पैसे खर्च करना शुरू हुए. बड़ा होकर उद्दंड हो गया. ये सब तुम्हारे कर्म के ही फल हैं.
प्रेमानंद जी महाराज कहा कि किसी को हमें कष्ट देने से बचना चाहिए, उस कष्ट से किसी की आह निकलती है तो उसे हमें यहीं भोगना होता है.
प्रेमानंद जी ने कहा 'भोगोगे तुम' अगर यह किसी मुख से निकलता है तो इसका अर्थ है कि भोगना पड़ता है आपको.
दिल से दी हुई बद्दुआ कभी खाली नहीं जाती है. नुकसान झेलना होता है. इसका उपाय है कि न लेना, न देना, मग्न रहना. भगवान को मानो. सब वहीं खत्म.
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा.