सरकार ने कोर्ट से कहा- 'समलैंगिक विवाह को मान्यता देने का अनुरोध करने वाली याचिकाएं 'शहरी संभ्रांतवादी' विचारों को प्रतिबिंबित करती हैं'

Apr 17, 2023

सरकार ने कहा कि विवाह को मान्यता देना अनिवार्य रूप से एक विधायी कार्य है, इसपर अदालतों को फैसला करने से बचना चाहिए.

याचिकाओं के विचारणीय होने पर सवाल करते हुए केंद्र ने कहा कि अदालत के सामने जो याचिकाएं पेश की गईं हैं, वह सामाजिक स्वीकृति के उद्देश्य से मात्र शहरी संभ्रांतवादी विचार है.

केंद्र सरकार ने कहा, 'सक्षम विधायिका को सभी ग्रामीण, अर्द्ध-ग्रामीण और शहरी आबादी के व्यापक विचारों और धार्मिक संप्रदायों के विचारों को ध्यान में रखना होगा.

केंद्र सरकार ने समलैंगिक विवाह की कानूनी वैधता का अनुरोध करने वाली याचिकाओं के एक समूह के जवाब में दायर शपथपत्र को लेकर ये जवाब दिया.

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