सावन को भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना माना जाता है. ऐसा माना जाता है इस दौरान लोगों को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
मान्यता है कि सावन महीने के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन न करने पर अगल जन्म में लोगों को पशु योनी में जन्म मिलता है.
लोगों का मानना है कि सावन मास के दौरान स्त्री और पुरुषों को ब्रह्मचर्य का पालन न करने पर नर्क की यातना सहनी पड़ेगी.
सावन महीने के दौरान में साफ - सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए. माना जाता है साफ घर में भगवान का वास होता है.
इस दौरान लोगों को शराब आदि नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए. इससे मन अशुद्ध होता है.
शिव भक्तों का मानना है कि सावन महीने में सुबह जल्दी उठकर भोलेनाथ की पूजा करनी चाहिए. इससे आपकी हर मनोकामना पूरी होगी.
सावन महीने के दौरान शिव भक्तों को मन में बुरे विचार नहीं लाने चाहिए और न ही किसी की बुराई करनी चाहिए.
बैंगन को अशुद्ध माना जाता है. इसलिए श्रावण मास में इसे खाने ने बचना चाहिए. खासकर द्वादशी और चतुर्दशी को इस बिल्कुल न खाएं.
मान्यता है कि सावन महीने में भोलेनाथ का दूध से अभिषेक किया जाता है. इसलिए शिव भक्तों को दूध का सेवन नहीं करना चाहिए.
हल्दी से भोलेनाथ का जलाभिषेक न करें. सावन महीने में हल्दी का प्रयोग करना वर्जित माना गया है.