इसमें विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन ई भी मौजूद होता है, जो झुर्रियों को दूर करने में मदद करता है.
शहतूत का गूदा और जूस स्किन की पिगमेंटेशन को ठीक करता है. यह स्किन को टोन करता है और दाग-धब्बों को दूर करता है.
शहतूत में रेस्वेराट्रोल पाया जाता है, जो सूर्य की यूवी किरणों के दुष्प्रभावों से स्किन की रक्षा करता है.
एक रिसर्च के अनुसार शहतूत मेलेनिन के प्रोडक्शन को बढ़ाता है. यह बालों के नेचुरल कलर को भी बरकरार रखता है.
यदि समय से पहले आपके बाल सफेद होने लगे हैं, तो नियमित रूप से आपको शहतूत का जूस पीना चाहिए.
शहतूत विशेष रूप से काले शहतूत में पेक्टिन फाइबर पाया जाता है. यह लेक्सेटिव का काम करता है, जो मल को बड़ी आंत से बाहर निकालने में मदद करता है.
यह डायजेस्टिव सिस्टम को भी ठीक करता है, जिससे कॉन्सटिपेशन, ब्लोटिंग और स्टमक क्रैम्प से राहत मिलती है. यह फैट लॉस कराता है और बॉडी को टोन करता है.
शहतूत में आयरन कंटेंट अधिक होने की वजह से रेड ब्लड सेल्स के प्रॉडक्शन को बढ़ावा मिलता है.
एंटीऑक्सिडेंट गुण होने के कारण हार्ट से शरीर के अन्य भागों में ब्लड फ्लो सुचारू रूप से करने में मदद करता है. इससे ब्लड प्रेशर भी सही होता है.
शहतूत में जेक्सैन्थिन नाम का कैरोटीनॉयड पाया जाता है. यह एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है और रेटिना डैमेज को रोकता है.
फ्री रेडिकल्स मोतियाबिंद के लिए जिम्मेदार होते हैं, जिसे शहतूत में पाया जाने वाला केरोटीनॉयड रिमूव कर देता है.
आज भी चीन में पारंपरिक चिकित्सा पद्धति के अनुसार, आई साइट ठीक करने के लिए शहतूत की चाय पिलाई जाती है.
किडनी और फेफड़े के लिए भी फायदेमंद है शहतूत. यह इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है.
शहतूत में विटामिन के, कैल्शियम और आयरन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. इनके कारण हड्डियों का क्षरण रोकने में मदद मिलती है. ऑस्टियोपोरोसिस और गठिया जैसी समस्या से शहतूत के सेवन से बचा जा सकता है.