शनि एक राशि से दूसरी राशि में करीब ढाई सालों तक रहते हैं. शनि सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह होते है जिसके कारण व्यक्ति के जीवन पर शनि का प्रभाव काफी समय तक रहता है।
शनि मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं, इसके अलावा शनि तुला राशि में उच्च के और मेष राशि में नीच के होते हैं.
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी किसी जातक के जीवन में शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा या अंतर्दशा आती है तो काफी परिवर्तन देखने को मिलता है.
शनि कर्म फलदाता हैं इस वजह से अच्छे कर्म करने वाले अच्छा फल वहीं बुरे कर्म करने पर बुरा फल देते हैं.
मकर राशि शनि देव की स्वयं की राशि होती है. इस राशि पर शनि की साढ़ेसाती का आखिरी चरण है.
ज्योतिष की गणना के मुताबिक कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण है. 23 फरवरी 2028 तक कुंभ पर साढे़साती का प्रभाव रहेगा.
मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है. साढ़ेसाती का प्रभाव 7 अप्रैल 2030 तक रहेगा.
29 मार्च 2025 से 31 मई 2032 तक साढ़ेसाती रहेगी. जानें बाकी राशियों पर कब से शुरू होगी साढ़ेसाती
03 जून 2027 से 13 जुलाई 2034 तक साढ़ेसाती रहेगी
08 अगस्त 2029 से 27 अगस्त 2036 तक साढ़ेसाती रहेगी.
31 मई 2032 से 22 अक्तूबर 2038 तक साढ़ेसाती रहेगी
13 जुलाई 2034 से 29 जनवरी 2041 तक साढ़ेसाती रहेगी
27 अगस्त 2036 से 12 दिसंबर 2043 तक साढ़ेसाती रहेगी
22 अक्तूबर 2038 से 08 दिसंबर 2046 तक रहेगा.
28 जनवरी 2041 से 3 दिसंबर 2049 तक रहेगा.
12 दिसंबर 2043 से 3 दिसंबर 2049 तक रहेगा.
यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.