लेकिन क्या आपको पता है कि 1632 में बना ताज महल देखना कभी पूरी तरह फ्री था. 60 साल पहले इस पर पहली बार एंट्री फीस लगाई गई, जो लगातार बढ़ती गई.
हालांकि 1966 से पहले तक ताजमहल के दीदार में कोई टिकट नहीं लगता था. फिर 1966 में 20 पैसे टिकट दिया गया. 20 पैसे में पूरा ताजमहल घूमा जा सकता था
ताजमहल में पांच साल बाद 1969 में टिकट बढ़ाकर 50 पैसे किया गया, जो अब 50 रुपये हो गई है. ताजमहल शुक्रवार को बंद रहता है.
भारतीय और विदेशी पर्यटकों के लिए वर्ष 2000 तक टिकट की दर बराबर थी, उसके बाद रेट अलग किया गया.
ताजमहल का टिकट वर्ष 2000 तक टिकट 20 रुपये और विदेशियों के लिए 970 रुपये था.
वर्ष 2016 के बाद घरेलू पर्यटकों के लिए ताजमहल की टिकट प्राइस 40 रुपये और विदेशी पर्यटकों के लिए 1000 रुपये रखी गई थी.
अगस्त 2018 में ताज महल के लिए टिकट 50 रुपये किया गया. विदेशी टूरिस्ट के लिए यह टिकट 1100 रुपये तय किया गया.
भारतीय और विदेशी पर्यटकों पर मुख्य मकबरे के दीदार के लिए 200 रुपये का एक्स्ट्रा टिकट 10 दिसंबर 2018 से लागू किया गया.इसको जोड़ लें तो अभी भारतीयों को 250 रुपये, विदेशियों को 1300 रुपये देने होते हैं.
मुख्य गुंबद पर जाने के लिए देसी और विदेशी सैलानियों को 200 रुपए का अतिरिक्त टिकट लेना पड़ता है। इस तरह से भारतीय पर्यटकों की टिकट 250 और विदेशी पर्यटकों की 1300 रुपए हो जाती है.
आगरा विकास प्राधिकरण ने भारतीय टूरिस्ट के लिए टिकट 80 रुपये और विदेशी पर्यटकों के लिए 1200 रुपये करने का प्रस्ताव रखा है.उसने दोनों टिकटों में 50 परसेंट का हिस्सा मांगा है.
अभी भारतीयों के लिए तय 50 रुपये के टिकट में 40 रुपये एएसआई और दस रुपये आगरा विकास प्राधिकरण को मिलते हैं. विदेशी टूरिस्ट की बात करें तो एएसआई को 600 और प्राधिकरण को 500 मिलते हैं.
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