यूपी के आगरा में प्यार की निशानी के नाम से ताजमहल स्थित है. इसका निर्माण मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में करवाया था.
पर ताजमहल रात के समय बंद कर दिया जाता है. जबकि सारी धरोहर रात में लाइट के साथ खुले रहते हैं.
हालांकि ताजमहल अपने इतिहास में सिर्फ दो बार ही रात में दूधिया रोशनी में खोला गया है. एक बार द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति 8 मई 1945 और दूसरी बार 24 मार्च 1997 में ग्रीक के पियानोवादक के शो के समय.
उसके बाद ताजमहल को कभी रात में खोला नहीं गया है. इसके पीछे का कारण भारतीय पुरातत्व विभाग की सर्वे की रिपोर्ट है. जिसमें बताया गया था कि लाइट पर आने वाले कीड़े इसकी दीवार खराब कर रहे हैं
रिपोर्ट के अनुसार लाइट से आकर्षित होने वाले कीड़े ताजमहल की दीवार पर अपना मल त्याग करते हैं. जिससे की उसकी दीवारों को नुकसान होगा.
रिपोर्ट के बाद भारत के सुप्रीम कोर्ट द्वारा 24 मार्च 1998 में आदेश दिया गया था कि ताजमहल के 500 मीटर के आसपास के क्षेत्र में कोई भी आयोजन नहीं किया जाएगा.
लेकिन ताजमहल आज भी पांच दिन के लिए रात में खुलता है. वो हैं पूर्णिमा की रात, पूर्णिमा की रात से दो दिन पहले, पूर्णिमा की रात के दो दिन बाद.
इन पांच दिनों में ताजमहल रात 8 बजकर 30 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 30 मिनट तक खुलता है.
हालांकि इन पांच दिनों में ताजमहल को देखने के लिए सभी को एक दिन पहले अपना टिकट आरक्षित करवाना होता है.