वरदान मिलने की कहानी

बाल्यकाल में हनुमान जी सूर्य को फल समझकर खाने दौड़े. इन्द्र के वार से हनुमान बेहोश हो गए. पुत्र हनुमान को को बेसुध देखकर वायुदेव को आया क्रोध

उन्होंने पूरे संसार की वायु रोक दी. तब ब्रह्मा जी ने हनुमान जी को जीवित किया. तब सभी देवताओं ने दिए वरदान

सूर्य देव ने तेज, ज्ञानी, अच्छा वक्ता, नौ विद्याओं का वरदान दिया

यमराज के प्रकोप का शिकार नहीं होंगे.और अकाल मृत्यु नहीं मरेंगे

महादेव शंकर- किसी भी अस्त्र से उनकी मृत्यु नहीं होगी

देवराज इन्द्र -वज्र भी महावीर को चोट नहीं पहुंचा सकता

ब्रह्मा जी- इच्छानुसार कोई भी वेश धारण कर लेंगे

माता सीता- कलयुग में आठ सिद्धियां और नौ निधियां मिलेंगी

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