नीलामी में 1.5 मिलियन से 2 मिलियन पाउंड के अनुमान के मुकाबले 14,080,900 पाउंड प्राप्त हुआ.
तलवार 4 मई, 1799 को ब्रिटिश सेना द्वारा मारे जाने के बाद टीपू सुल्तान के महल के निजी क्वार्टर में मिली थी.
18वीं सदी में लूटी गई टीपू सुल्तान की तलवार 23 मई को बोनहम्स की ओर से आयोजित नीलामी में बिक गई.
बोनहम्स की तरफ से बताया गया कि यह एक इस्लामिक और भारतीय वस्तु के लिए एक नीलामी में रिकॉर्ड है.
इस तलवार को 1799 में ब्रिटिश सैनिक लूटकर ले गए थे. एक मीटर लंबी तलवार पर सोने की लिखावट है.
टीपू सुल्तान ने इसी तलवार से ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ कई लड़ाईयां लड़ी थीं.
साल 2003 तक यह तलवार बेयर्ड के परिवार के पास थी. इसके बाद इसे लंदन में डिक्स नूनन वेब में 150,000 पाउंड में नीलाम किया.
साल 2004 में विजय माल्या ने इसे खरीदा था और उस समय उन्होंने करीब 1.5 करोड़ रुपये अदा किए थे, मगर साल 2016 में उन्होंने इस तलवार को वापस कर दिया.