पूजा करते समय न करें ये बड़ी गलती (How To Worship)

पूजन में शुद्धता का रखें विशेष ध्यान

Padma Shree Shubham
May 27, 2023

कैसे करें पूजा :

पूजन में शुद्धता और सात्विकता का ध्यान रखें, प्रात:काल उठकर स्नान-ध्यान करें फिर भगवान को स्मरण करें. व्रत एवं उपवास हो तो कर ले और फिर भगवान का भजन करें. व्रत उपवास न हो तो हर दिन की तरह ही पूरे मन से पूजा अर्चना करें.

भगवान की प्रतिमा

नित्य कर्म करने के बाद लाल या फिर पीला कपड़ा बिछाकर एक लकड़ी का पाट रखें और फिर उस पर भगवान की प्रतिमा या फिर उनके चि‍त्र को रखें. मूर्ति को स्नान करवाए और चित्र है तो उसको साफ कर लें.

धूप, दीप करें

जब भी भगवान की पूजा करें तो उनके सामने धूप, दीप अवश्य जलाएं. ध्यान रहे कि दीपक को स्वयं कभी भी न बुझाएं. पूजा खड़े होकर कभी भी न करें और न ही खाली फर्श पर बैठकर पूजा करें.

हलदी, कुमकुम, चंदन

भगवान के मस्तक पर हलदी, कुमकुम, चंदन और अक्षत लगाएं. हार और फूल से उन्हें सजाएं. भगवान की आरती उतारें. पूजन के समय हमेशा अनामिका अंगुली के पास वाली यानी रिंग फिंगर को ही चंदन, कुमकुम, अबीर, गुलाल लगाने के उपयोग में लाएं.

भगवान को भोग

पूजा करते समय भगवान को प्रसाद या नैवेद्य (भोग) अवश्य चढ़ाएं. नमक, मिर्च और तेल का उपयोग प्रसाद में न करें. हर प्रसाद में एक एक तुलसी का पत्ता डाल दें. पूजा के बाद सबको भागवान का प्रसाद दें.

भगवान की आरती

भगवान की पूजा में आरती का बहुत महत्व है. ध्यान दें कि संबंधित भगवान के तीज त्योहार पर या नित्य की पूजा अर्चना में अंत में उनकी आरती करने की विधि की जाती है. पूरे नियम के साथ भगवान को प्रसाद अर्पित किया जाता है.

स्वस्तिक, कलश और नवग्रह देवता

घर में या मंदिर में पूजा करते समय इष्टदेव और स्वस्तिक, कलश, नवग्रह देवता के साथ ही पंच लोकपाल का भी पूजन करना चाहिए. षोडश मातृका व सप्त मातृका का भी पूजन करना चाहिए.

ईशान कोण में करें पूजा

घर में पूजा करने के नियम पर ध्यान दें तो घर के ईशान कोण में ही आपको भगवान की पूजा करनी चाहिए. पूजा के समय हमारा हमेशा ही हमारा चेहरा मुंह ईशान, पूर्व या उत्तर की ओर होना चाहिए.

मुहूर्त का ध्यान रखें

पूजा-अर्चना करने से पहले आपको उचित मुहूर्त का ध्यान रखना चाहिए. कोई मुहुर्त यदि समझ में न आए तो दोपहर 12 से शाम लेकर 4 बजे और रात्रि 12 से प्रात: 3 बजे के बीच पूजा न करें.

पंचदेव की स्थापना

पूजन के समय आप पंचदेव की स्थापना अवश्य करें. ये पंचदेव हैं सूर्यदेव, श्रीगणेश, दुर्गा, शिव व विष्णु. पूजा करते समय पूरा परिवार एकत्रित हो जाएं. पूजा करते समय किसी प्रकार का हल्लागुल्ला न करें.

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