देश में हर रोज लाखों की संख्या में वाहनों की बिक्री होती है. हर वाहन की एक नंबर प्लेट होती है, जिसमें आखिरी के अंक चार होते हैं. सवाल उठता है 4 ही क्यों
वैसे तो पूरी नंबर प्लेट में 9 या दस अंक और अल्फाबेट मिलाकर होते हैं. UP53 BM 1123, इसमें आखिरी अंक लेकिन चार ही होते हैं
अब तो हर गाड़ियों में हाई रेजोल्यूशन नंबर प्लेट अनिवार्य है. इसमें नंबर पूरी तरह स्पष्ट होने और किसी भी तरह छेड़छाड़ की मनाही है
पहले दो लेटर उस संबंधित राज्य के बारे में बताता है, जहां से आपने गाड़ी को रजिस्टर कराया है. जैसे उत्तर प्रदेश के लिए UP
आपकी नंबर प्लेट के अगले दो डिजिट डिस्ट्रिक्ट के बारे में बताते हैं और ये दो नंबर के कोड में होता है, UP 78 में 78 कानपुर का कोड है
आपकी नंबर प्लेट के आखिरी 4 डिजिट यूनीक नंबर होते हैं, जो सिर्फ आपकी गाड़ी के लिए होते हैं. यह रैंडम नंबर्स होते हैं जो किसी खास सीरीज के तहत निकाले जाते हैं
आम गाड़ियों का नंबर प्लेट जो सफेद प्लेट पर काले नंबर होते हैं, पीले रंग की नंबर प्लेट पर काले नंबर होते हैं. खास कमर्शियल वाहन के लिए
वाणिज्य दूतावास से जुड़ी गाड़ी की नंबर प्लेट नीले रंग की होती है. इसमें सफेद रंग से नंबर्स लिखे होते हैं
दिल्ली, गुजरात, बिहार की नंबर प्लेट में सबसे खास नंबर 0 नहीं होता. बाकी दूसरे राज्य में गाड़ी के नंबर 0 से भी शुरू होते हैं.
एक ही नंबर प्लेट की कई गाड़ियां हो सकती हैं. आपको अलग-अलग राज्य से ये गाड़ी खरीदनी होंगे. यानी एक राज्य में एक गाड़ी का नंबर दूसरे को अलॉट नहीं होता.
RTO में अपनी पसंद के रजिस्ट्रेशन नंबर की एप्लीकेशन देनी होती है. इससे आपके पास एक नंबर की कई गाड़ियां होंगी, गाड़ी की नंबर प्लेट में सिर्फ स्टेट कोड बदलेगा.
पसंद का नंबर पाने के लिए थोड़ी एक्स्ट्रा फीस देनी होती है. पहले अस्थायी नंबर मिलता है गाड़ी पर जो सिर्फ एक माह के लिए वैलिड होता है.
इस नंबर को गाड़ी बेचने वाला डीलर देता है, इस एक महीने के समय में गाड़ी के मालिक को RTO में अपनी गाड़ी रजिस्टर करवानी पड़ती है
नी बड़ी संख्या में वाहनों की बिक्री के बाद 4 अंकों से ज्यादा नंबर क्यों नहीं होते, वजह ये है कि रैंडम नंबर के बावजूद करोड़ों वाहनों के लिए ये चार नंबर पर्याप्त हैं.
अगर आप अपनी गाड़ी को स्क्रैप कराते हैं तो चाहे तो आरटीओ में एप्लीकेशन देकर नए वाहन पर पुराना नंबर ले सकते हैं.
अन्यथा जो नंबर जिस गाड़ी को अलॉट होता है तो हमेशा उसी वाहन के नाम रजिस्टर रहता है, चाहे फिर वो गाड़ी चलना ही बंद हो गई हो.