भारत को ऐसे ही नहीं ऋषि-मुनियों का देश कहा जाता है. यहां पर संतों की भक्ति की शक्ति का एहसास लोगों ने प्राचीन समय से देखा और महसूस किया है.
प्राचीन समय से ही भारत में ऐसे कई संत हुए हैं. जिन्हें लोग दिव्य संत कहकर पुकारते हैं.
ऐसे ही एक दिव्य संत यूपी के देवरिया जिले में रहने वाले चमत्कारी बाबा हैं. खास बात यह है कि उन्होंने कभी अपनी उम्र तप शक्ति व सिद्धि के बारे में कोई दावा नहीं किया.
देवरिया के इस महान संत का नाम था देवरहा बाबा. कहो जाता है कि उनके आस-पास रहने वाले लोगों को हमेशा चमत्कार महसूस होता था.
उनके शिष्यों का मानना था कि देवरहा बाबा अपने ज्ञान के खजाने से बिना पूछे हर किसी के बारे में जान लेते थे. वे ऐसा अपनी साधना की शक्ति के जरिए करते थे.
देवरहा बाबा के दर्शन करने के लिए देश और दुनिया के दिग्गज उनके पास आते थे. वहीं बाबा सरयू नदी के किनारे पर बने अपने आश्रम की मचान से अपने भक्तों को दर्शन देते थे.
बाबा के देवरिया जिले के होने के कारण की वजह से उनका नाम देवरहा बाबा पड़ गया था. आयु, योग, ध्यान, आशीर्वाद और वरदान देने की क्षमता से लोग उन्हें सिद्ध संत कहते थे.
देवरहा बाबा के दुबली-पतली शरीर के साथ लंबी जटाएं और कंधे पर यज्ञोपवीत व कमर में मृगछाला पहनने की पहचान थी.
बताते हैं कि बाबा अपने आश्रम में बने मचान से श्रद्धालुओं को पैर का अंगूठा दिखाकर आशीर्वाद देते थे.
इंदिरा गांधी के चुनाव हारने के बाद बाबा ने आशीर्वाद दिया था. तभी से इंदिरा गांधी ने अपनी पार्टी कांग्रेस को चुनाव चिन्ह हाथ का पंजा रख लिया था.
देवरिया जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर सरयू नदी के किनारे देवसिया गांव में देवरहा बाबा का आश्रम है. वहां से निजी या किराये के वाहन से आसानी से आश्रम पहुंचा जा सकता है.