कौन थे गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज, जिन्होंने देश दुनिया में बनवाए भव्य इस्कॉन मंदिर

Gopal Krishna Goswami Maharaj Death

इस्‍कॉन इंडिया की गवर्निंग काउंसिल के अध्‍यक्ष गोपाल कृष्‍ण गोस्‍वामी का रविवार को निधन हो गया. हृदय संबंधी बीमारी के चलते उन्‍हें तीन दिन पहले देहरादून के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था. देहरादून के अस्‍पताल में ही उन्‍होंने अंतिम सांस ली.

समाधि

इस्कॉन मंदिर के डायरेक्टर कम्युनिकेशन इंडिया बृजनंदन दास ने बताया कि 5 मई को शाम 4 बजे नई दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित मंदिर में दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर रखा जाएगा.

ऐसे आई थी चोट

2 मई को दूधली स्थित मंदिर के शिलान्‍यास कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज पहुंचे थे. कार्यक्रम के दौरान वह अचानक फिसलकर गिर गए थे. इससे उनके फेफड़ों में चोट आई थी.

जन्‍म

गोपाल कृष्‍ण गोस्‍वामी का जन्‍म 1944 में नई दिल्ली में हुआ था. साल 1968 में गोपाल कृष्‍ण गोस्‍वामी की मुलाकात कनाडा में इस्कॉन के संस्थापक श्रील प्रभुपाद से हुई.

धर्म प्रचार

श्रील प्रभुपाद से मुलाकात के बाद वह श्रीकृष्ण एवं सनातन धर्म प्रचार प्रसार के लिए समर्पित हो गए. उन्‍होंने विश्व के विभिन्न देशों में सनातन धर्म का प्रचार प्रसार किया.

विदेश में फेलोशिप

गोपाल कृष्ण गोस्वामी एक मेधावी छात्र थे, उन्‍हें सोरबोन विश्वविद्यालय (फ्रांस) और मैकगिल विश्वविद्यालय (कनाडा) में अध्ययन करने के लिए फेलोशिप मिली थी.

दुनियाभर में मंदिर निर्माण

उन्होंने भारत ही नहीं कनाडा, केन्या, पाकिस्तान, सोवियत संघ और दुनिया के कई हिस्सों में आउटरीच और समुदाय-निर्माण के प्रयासों की देखरेख की. इसके अलावा गोपाल कृष्‍ण गोस्‍वामी ने दुनियाभर में दर्जनों मंदिरों का निर्माण करवाया.

छात्रों की मदद

उन्होंने अन्नामृत फाउंडेशन की भी शुरुआत की, जो आज भारत के 20 हजार से अधिक स्कूलों में करीब 12 लाख सरकारी स्कूली छात्रों को भोजन परोसता है.

कब सन्‍यास लिया

साल 1975 में श्रील प्रभुपाद ने गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज को भारत के जनरल बॉडी कमिश्नर (जीबीसी) के रूप में नियुक्त किया था. इसके बाद साल 1981 में गोपाल कृष्ण गोस्वामी ने संन्यास ले लिया.

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