स्वामीनाथन ने किसानों के लिए ठुकरा दी थी IPS की नौकरी, अकाल में 30 लाख मौतों ने झकझोरा था

Zee News Desk
Sep 28, 2023

कौन थे एमएस स्‍वामीनाथन

MS Swaminathan Death : हरित क्रांति के जनक एमएस स्‍वामीनाथन (MS Swaminathan) का 98 साल की उम्र में निधन हो गया.

कब हुआ जन्‍म

एमएस स्वामीनाथन का जन्म 7 अगस्त 1925 को हुआ था. उनका पूरा नाम डॉ. मनकोम्बु संबासिवन स्वामीनाथन था.

पद्म भूषण सम्‍मान

एमएस स्‍वामीनाथन के नेतृत्‍व में देश में हरित क्रांति परवान चढ़ी. कृषि क्षेत्र में सराहनीय कार्य के लिए उन्‍हें पद्म भूषण सम्‍मान से नवाजा गया था.

शुरुआती शिक्षा

एमएस स्‍वामीनाथन की शुरुआती शिक्षा तिरुवनंतपुरम में हुई. उन्‍होंने कृषि विज्ञान में बीएससी की डिग्री हासिल की थी.

देश में था भयंकर अकाल

स्‍वामीनाथन ने भारत में गेहूं और चावल की उन्‍नत किस्‍में तैयार की. साल 1960 के दशक में जब देश भयंकर अकाल से जूझ रहा था.

नई किस्‍मों को विकसित किया

ऐसे में स्‍वामीनाथन द्वारा तैयार की गेहूं और चावल की नई किस्‍मों ने कुछ ही समय में देश में खाद्यान्‍न उत्‍पादन बढ़ा दिया.

एमएससी किया

स्‍वामीनाथन ने साल 1949 में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्‍थान से कृषि विज्ञान में एमएससी की.

पीएचडी की

इसके बाद साल 1952 में स्‍वामीनाथन ने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से पीएचडी की. दो साल बाद 1954 में वह आईएआरआई नई दिल्ली से जुड़ गए.

81 डॉक्टरेट उपाधियां

स्‍वामीनाथन को दुनियाभर के विश्‍वविद्यालयों से 81 डॉक्टरेट उपाधियां मिली हुई हैं.

राज्‍यसभा सदस्‍य

स्‍वामीनाथन साल 2007-13 तक राज्‍यसभा सदस्‍य भी रहे.

ऐसे बदला मन

जब वह 10वीं में पढ़ाई कर रहे थे, उस समय बंगाल में अकाल से 30 लाख लोगों की मौत हो गई थी, उसी समय उन्‍होंने कृषि में रिसर्च करने का मन बना लिया था.

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