राधा रानी पर अर्मयादित टिप्पणी कर बुरे फंसे कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के ब्रज आने पर रोक लगाने की मांग तेज हो गई है. सोमवार को मथुरा में हुई साधु संतों की महापंचायत में ये फैसला लिया गया. तो आइये जानते हैं कौन हैं पंडित प्रदीप मिश्रा?.
कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा का जन्म मध्य प्रदेश के सीहोर में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था.
इनका उप नाम रघु नाम है. उनके पिता का नाम रामेश्वर दयाल मिश्रा है.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो पंडित प्रदीप मिश्रा ने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की है.
वह स्कूल में पढ़ाने के साथ साथ पंडिताई भी करना शुरू कर दिए थे.
वह बचपन से ही शिवपुराण का प्रवचन ज्यादा करते रहे हैं.
वह कथा के दौरान भक्तों को समस्याओं से निजात पाने का उपाय भी बताते हैं.
यही वजह है कि प्रदीप मिश्रा की प्रसिद्धि धीरे-धीरे बढ़ने लगी. आज इनके करोड़ों की संख्या में फालोअर्स हैं.
पंडित प्रदीप मिश्रा के दो भाई हैं, जिनका नाम दीपक और विनय मिश्रा है.
जानकारी के मुताबिक, पंडित प्रदीप मिश्रा के पिता रामेश्वर मिश्रा ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे. वह चने का ठेला चलाते थे.
बाद में उन्होंने चाय की दुकान भी खोल ली. प्रदीप मिश्रा अपने पिता के काम में उनकी मदद करते थे.
प्रदीप मिश्रा को बचपन से ही भक्ति भजन में काफी रुचि थी, जिसके चलते वे अपने स्कूल के दिनों में ही भजन कीर्तन किया करते थे.
जब वह बड़े हुए तो सीहोर में ही एक ब्राह्मण परिवार की गीता बाई पराशर नाम की महिला ने उन्हें कथा वाचक बनने के लिए प्रेरित किया.