अपनी 7 संतानों को नदी में क्यों विसर्जित किया मां गंगा ने?
Saumya Tripathi
Oct 27, 2023
एक बार राजा शांतनु ने माता गंगा को श्रृंगार करते हुए देखा, तब वह प्रवाहमान थीं.
उसी समय राजा शांतनु को मां गंगा से प्रेम हो गया था, मां गंगा स्वर्ग की देवी थीं.
उन्होंने जब उनसे विवाह का प्रस्ताव रखा तो माता गंगा ने राजा शांतनु से एक शर्त रख दी.
माता गंगा की शर्त थी कि उन्हे किसी भी काम के लिए रोका-टोका नहीं जाएगा.
राजा शांतनु ने उनकी शर्त मान ली, उन्होंने कहा कि अगर उनकी शर्त टूटी तो वो उन्हें छोड़कर देव लोक चली जाएंगी.
माता गंगा जब भी मां बनतीं वे अपने संतानों को नदी में प्रवाहित कर देती थीं.
जब भीष्म ने जन्म लिया तो राजा शांतनु ने टोकते हुए पूछा कि क्यों उन्हें गंगा में प्रवाहित कर रही हैं.
तब माता गंगा ने कहा कि अब संतान आपके पास रहेगी और मैं दूर जा रही हूं. गंगा ने कहा था कि ऋषि वशिष्ठ ने आठों वसु को श्राप दिया.
वे ही मेरे पुत्र बनकर आए थे, अगर वे रहते तो उन्हें कष्ट भोगना पड़ता. शांतनु का वचन टूटा और गंगा देव लोक की ओर प्रस्थान कर गईं और भीष्म रुके रहे तो उन्हें जीवन भर संकट भोगना पड़ा.