सावन का महीना और बेलपत्र दोनों भगवान शिव को बहुत प्रिय है.
सावन के महीने में बेलपत्र लगाना सौभाग्य का सूचक माना जाता है.
जिस घर में बेल पत्र का वृक्ष लगा होता है उनके घर विशेष तौर पर शिव की कृपा बनी रहती है. साथ ही ऐसे घर में साक्षात लक्ष्मी जी का वास होता है.
ऐसे में इस सावन पर आप भी घर में एक निश्चित स्थान पर बेलपत्र उगाकर अपनी समस्याओं को दूर कर सकते हैं.
शिव पुराण के अनुसार घर में बेलपत्र का पौधा होने से व्यक्ति के बुरे कर्मों का प्रभाव नष्ट हो जाता है और अक्षय फल की प्राप्ति होती है. जिस स्थान पर बेलपत्र का पौधा लगाया जाता है वह काशी तीर्थ के समान पवित्र और पूजनीय स्थल बन जाता है.
बेल पत्र के इस्तेमाल के लिए अगर आप घर पर इसे उगाना चाहें, तो घर के गार्डन या गमले में उगा सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले बेलपत्र के बीज को मिट्टी में गाड़ना चाहिए. इस पौधे को नियमित रूप से सही मात्रा में पानी देना जरूरी है.
सूखे बीजों को मिट्टी से 2-3 इंच के नीचे गाड़ दीजिए. इसे पानी की जरूरत होगी, लेकिन कभी ओवर वॉटर ना करें. 10-12 दिनों में आप देखेंगे कि बीज से पौधा निकलना शुरू हो गया है. हालांकि, बीज से लगे पौधे को पूरा बढ़ने में 3-4 साल लग सकते हैं.
इसे बहुत ज्यादा फर्टिलाइजर की जरूरत नहीं होती है. यह कांटों वाला पौधा होता है और पथरीली और रेतीली मिट्टी वाले सूखा ग्रस्त इलाकों में भी उग सकता है. गमले को उचित धूप वाली जगह में रखें. इसे कीड़ों से बचाने के लिए नीलगिरी या नील के तेल से आसपास छिड़काव करें.
बेल का पौधा जब छोटा होता है तो महीने में उसे 1 बार खाद दी जा सकती है. सावन में अपने घर में इस पौधे को उगाना भाग्य को जगाने का अचूक उपाय है. यह उपाय आपको 'करोड़पति' बना सकता है.