दो दिन तक गैराज में बंद रहे थे अनिल अंबानी, रोटी-पानी पर किया था गुजारा
Bavita Jha
Apr 15, 2024
किस्सा
अंबानी परिवार भले ही कितना अमीर क्यों न हो, लेकिन अनुशासन को लेकर घर में उतनी ही सख्ती रही है. पिता धीरुभाई अंबानी ने बच्चों को अनुशासन का मोल सिखाया.
अनुशासन का मोल
अनुशासन ऐसा कि गलती करने पर मुकेश और अनिल अंबानी को सख्त सजा मिलती थी. ऐसा ही एक किस्सा खुद मुकेश अंबानी ने एक इंटरव्यू में सुनाया था
मिली थी सजा
एक्ट्रेस सिमी ग्रेवाल के शो 'Rendezvous With Simi Garewal' में मुकेश अंबानी ने किस्सा सुनाया था कि कैसे गलती करने पर उन्हें और उनके भाई अनिल अंबानी को सजा मिली थी.
बचपन का किस्सा
उस वक्त मुकेश अंबानी 10 -11 साल के और अनिल अंबानी 9 साल के थे. घर में कुछ मेहमान आने वाले थे.
गलती की सजा
मां कोकिलाबेन ने मेहमानों के लिए टेबल खाना परोसा था. मुकेश और अनिल ने मेहमानों के खाने से पहले खाना शुरू कर दिया.
नाराज हुए पिता
धीरूभाई अंबानी उन्हें बार-बार शांति से बैठने के लिए कह रहे थे, लेकिन दोनों में से किसी ने बात नहीं सुनी. दोनों एक सोफे से दूसरे सोफे पर उछल-कूद करने लगे.
पिता का गुस्सा
धीरुभाई अंबानी बहुत नाराज हुए. उस वक्त तो वो कुछ न बोले, लेकिन जब मेहमान चले गए तो उसका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया. दोनों को खूब डांट पड़ी.
गैराज में बंद
धीरुभाई अंबानी ने अनिल और मुकेश अंबानी को घर से बाहर गैराज में रहने के लिए कहा. उन्हें दो दिन तक गैराज में रहने की सजा मिली.
मां की ममता
मां कोकिलाबेन ने अपने बेटों का पक्ष लेते हुए उन्हें घर से बाहर न भेजने की सिफारिश की, लेकिन धीरूभाई अंबानी ने किसी की न सुनी.
सिर्फ रोटी और पानी
दोनों को दो दिन तक गैराज में रहना पड़ा. खाने में सिर्फ रोटी और पानी ही दिया गया था.
बदल दी जिंदगी
पिता की डांट ने दोनों भाईयों को अहसास करवा दिया कि जिंदगी में कायदे-कानून, अनुशासन का महत्व हैं.
चॉल में बीता बचपन
धीरुभाई अंबानी जब रिलायंस को बना रहे थे, वो मुंबई के एक चॉल में रहते थे. एक कमरे में 9 लोगों का परिवार रहता था.
रिलायंस बनी देश की सबसे बड़ी कंपनी
धीरुभाई अंबानी ने अपने संघर्ष के दम पर रिलायंस को देश की सबसे बड़ी कंपनी बना दी.