अदार पूनावाला: घोड़े पालने वाले बन गए 'वैक्सीन किंग', कोविशील्ड ने दोगुनी कर दी कमाई

कोरोना की कोविशील्ड वैक्सीन विवादों में फंस गई है. वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने माना है कि वैक्सीन के कुछ खतरनाक साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं.

कंपनी ने माना कि कोविशील्ड वैक्सीन से खून के थक्के जमने की संभावना है. भारत में 1 अरब 70 करोड़ डोजेज कोविशील्ड के लगाए गए थे. भारत में कोविशील्ड बनाने का लाइसेंस पुणे की सीरम इंटीट्यूट ऑफ इंडिया के पास है . सीरम पूनावाला परिवार की कंपनी है.

पूनावाला परिवार की बात करें तो ब्रिटिश राज के दौरान 19वीं शताब्दी में पूनावाला का परिवार पुणे आया था और फिर यहीं बस गया. इस परिवार की खासियत है कि वो जिन शहरों में बसे उन्होंने अपने नाम से साथ उसे जोड़ लिया, जैसे पूनावाला

घोड़ों का व्यापार

पूनावाला परिवार कंस्ट्रक्शन के कारोबार में था, लेकिन इन्हें घोड़ों के कारोबार की वजह से जाता था. सीरम इंस्टीट्यूट के एमडी अदार के दारा सोली पूनावाला घोड़ों को पालते थे और उन्हें रेस के लिए तैयार करते थे.

कैसे फार्मा सेक्टर में पहुंचे

घोड़ों के व्यापार के कारण ही पूनावाला परिवार का रिश्ता बड़े उद्योगपतियों से जुड़ा. अदार पूनावाला के पिता सायरस पूनावाला कारोबार को वैक्सीन के कारोबार में बढ़ाना चाहते थे.

कैसे बनी वैक्सीन कंपनी

उस वक्त मुंबई में हाफकिन इंस्टीट्यूट को पूनावाल के फर्म से बूढ़े घोड़े बेचे जाते थे, उन घोड़ों का इस्तेमाल कंपनी सर्पदंश और टिटनेस का टीका बनाने में करती थी. पूनावाला ने सोचा, जो काम वो फाफकिन करती हैं वो खुद क्यों नहीं कर सकते.

5 लाख से शुरुआत

इसी सोच के साथ उन्होंने सिर्फ 5 लाख रुपये से साल 1966 में सायरस पूनावाला ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की स्थापना की . 1971 में कंपनी ने खसरा और कंठमाला रोग के टीके बनाए, इसके बाद पोलियो की टीके से उसे काफी लोकप्रियता मिली

अदार पूनावाला

साल 2011 में अदार पूनावाला को कंपनी का सीईओ बनाया गया. उन्होंने सीरम के कारोबार को 35 देशों से 165 देशों तक बढ़ा दिया.

कोविशील्ड वैक्सीन

कोरोना महामारी के वक्त जब वैक्सीन की डिमांड बढ़ी, अदार पूनावाला ने ब्रिटेन की एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से साथ साझेदारी कर भारत में वैक्सीन बनाना शुरू किया. देश में 1 करोड़ 75 लाख से ज्यादा डोज बिके, विदेशों को भी निर्यात किया

वैक्सीन से बढ़ी कमाई

कॉरपोरेट कंपनियों के आंकड़ों की जानकारी रखने वाली कंपनी कैपिटलिन के मुताबिक,2019-20 में, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया था की आमदनी 5,446 करोड़ की. कंपनी को 2,251 करोड़ का मुनाफा हुआ. अगर परसेंटड के लिहाज से देखें तो यह 41.3 फीसदी है.

सायरस पूनावाला की दौलत

पूनावाला ग्रुप के चेयरमैन और एमडी रहे सायरस पूनावाला और उनके परिवार की संपत्ति FY22 में 1,62,848 करोड़ रुपये से बढ़ाकर FY 23 में 2,70,725 करोड़ रुपये पर पहुंच गई. उनकी संपत्ति में 1,07,877 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई.

कितना बढ़ा रेवेन्यू

कोविड वैक्सीन के बाद से पूनावाला परिवार की संपत्ति और कंपनी के मुनाफे में मोटा मुनाफा हुआ. साल 2021 में सीरम इंस्टीट्यूट का रेवेन्यू 7,201 करोड़ से बढ़कर साल 2022 में 25,645 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.

नेट प्रॉफिट

कंपनी का नेट प्रॉफिट इस दौरान 3,891 करोड़ से बढ़कर 11,116 करोड़ रुपये पर पहुंच गया . कंपनी का ऑपरेशन मार्जिन इस दौरान 43.1% से बढ़कर 65.1 % पर पहुंच गया.

अदार पूनावाला की संपत्ति

अदार पूनावाला का नेटवर्थ 107,533 करोड़ रुपये के करीब है. अदार अपनी लग्जरी लाइफस्टाइल की वजह से चर्चा में रहते हैं. पुणे स्थिति स्टड फर्म और फॉर्म हाउस के अलावा उनके पास लंदन में 750 करोड़ का बंगला है.

लग्जरी कारों का शौक

अदार को महंगी और लग्जरी कारों का भी शौक है. उनके पास रॉल्स रॉयस, बेंटले, लैंबोर्गिनी, फेरारी जैसी लगभग दर्जनों लग्जरी कारें हैं, इसके अलावा उनके पास एयरबस 320 विमान है.

सीरम का वैल्युएशन

सीरम इंस्टीट्यूट शेयर बाजार में गैर लिस्टेड सबसे मूल्यवान कंपनी है. साल 2023 में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को 1.92 लाख करोड़ के वैल्यूएशन के साथ भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी में शामिल किया गया.

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