दूसरे पक्षियों से कितने अलग हैं Partridge, रहस्यों से भरी है मादा तीतर की दुनिया

Arti Azad
Aug 04, 2024

जंगली जानवरों में एक ऐसी मादा जीव भी है, जो बच्चों के जन्म के बाद हर साल नए नर की तलाश करती है.

हर बार चुनती है नया साथी

हम बात कर रहे हैं मादा तीतर की इसकी दुनिया रहस्यों से भरी पड़ी है.

प्रजनन का समय

तीतर के लिए प्रजनन का समय जनवरी-मार्च होता है. इस सीजन में एक मादा करीब 10-18 अंडे देती है. किसी भी पक्षी द्वारा दिए जाने वाले अंडों की ये सबसे बड़ी संख्या है.

नर की परफॉर्मेंस

मादा तीतर परफॉर्मेंस के आधार पर नर को चुनती है. मादा को लुभाने के लिए नर तीतर दो तरीके अपनाते हैं. पहलेवो 2-3 तरह की आवाजें निकालते हैं. इसके बाद डांस का करके मादा को रिझाते हैं.

ऐसे चुनती है पति

अब मादा को जिस नर का डांस या आवाज ज्यादा पंसद आती है, वो उसे अपना बना लेती है. प्रजनन के दौरान मादा के विशेष क्षेत्र में एक समय पर एक ही नर रह सकता है.

बच्चों की जिम्मेदारी

मादा 23-25 दिनों तक अंडे सेती है, जिसके बाद इनसे बच्चे निकलते हैं. बच्चों के भोजन और सुरक्षा की जिम्मेदारी नर तीतर के ऊपर होती है.

तीतर का काफिला

बच्चों के जन्म के बाद दो-तीन मादा तीतर एक ग्रुप बनाती हैं और जिसमें उनके बच्चे बड़े होते हैं. ग्रुप बनाने का उद्देश्य होता है कि जब वो बच्चों के साथ चले, तो उसका काफिला बड़ा नजर आए.

दूसरे पक्षियों से अलग हैं तीतर

जनवरी का महीना नजदीक आते ही मादा नए नर की तलाश में लग जाती है. तीतर की करीब 46 प्रजातियां हैं, जिनमें ग्रे पार्ट्रिज सबसे आक्रामक होते हैं. यह पक्षी मुख्य तौर पर भारत में ही पाया जाता है.

दूसरों से अलग करती है ये बात

तीतर अपने घोंसले जमीन पर झाड़ियों के बीच बनाते हैं. घने जंगलों में मिलने वाले इस पक्षी को कई लोग घरों में भी पालते हैं. तीतर पालने के लिए सरकार से इजाजत लेनी पड़ती है.

नर तीतर की पहचान

नर तीतरों के पंख मादा से बड़े और अलग-अलग रंगों के होते हैं, उनके पंखों की परिधि भी ज्यादा होती है.

मादा की पहचान

मादा खाकी और हल्का भूरे रंग की होती है, उनकी पूंछ पर काली धारियां होती हैं. मादा के पंख संकुचित नजर आते हैं. ये दिन में बहुत सक्रिय होती हैं और इनकी आवाज बहुत दूर तक सुनी जा सकती है.

VIEW ALL

Read Next Story