इस Series के वो डायलॉग जिन्हें समझ लिया तो बदल जाएगा सोचने का तरीका

Zee News Desk
Jul 22, 2024

अश्रु, रक्त, पीड़ा, निराशा…एक साधारण मनुष्य इस मार्ग पर चल कर अजेय बन सकता है क्योंकि विचारों की आयु मानव जीवन से कई अधिक है…अपनी इंद्रियों को वश में करके जैसे ही निरविकार होंगे फिर कोई शत्रु या भय हानि नहीं पहुंचा सकता.

लगाव ही पीड़ा है, करुणा ही क्रूरता और अंत ही प्रारंभ है.

घाव तभी भरते हैं जब उन्हें स्वीकार किया जाए. मृत्यु क्या है…जीवन का एकमात्र सत्य. उसका शोक नहीं मनाते.

दूसरों के कारण अपने जीवन का अनंद न लेना, ये तो जीवन का ही अपमान हो गया.

अंधकार एक सच है और प्रकाश एक मिथ्य. Every man is a moon and every moon has a dark side. आपकी भी Dark side है जो किसी को दिखती नहीं है लेकिन वो है. आपकी सारी खुशियां सब यहीं हैं…

उनकी गलत Theories, नैतिकता की झूठी रोशनी ने आपके सच्चे स्वरूप को छिपाकर रखा है और अगर आप अपने आप को Accept कर के उन्हें Reject करेंगे तो आप पापी हैं…

पाप…एक ऐसी काल्पनिक बीमारी है जिसे पुण्य नाम की काल्पनिक दवाई बेचने के लिए बनाया गया है. धर्म कभी शांति ला ही नहीं सकता क्योंकि इसकी Foundation ही अच्छाई और बुराई की Conflict पर आधारित है.

धुतकार मानव समाज की प्रथम प्रतिक्रिया होती है, जब उनकी मान्यताओं पर प्रहार किया जाए, चाहे वो प्रहार उनके स्वयं के हित के लिए ही क्यों न हो क्योंकि सामान्य मनुष्य का सीमित ज्ञान उसे स्वयं से परे देखने नहीं देता.

मनुष्यों के विचारों में उतनी विषमता नहीं जितना हम सोचते हैं, नीच, स्वार्थी और क्रूर…बस कोई उसे स्वीकारना नहीं चाहता.

VIEW ALL

Read Next Story