कहां गया मुगलों का तख्त-ए-ताऊस, जो ताजमहल से भी था महंगा

Preeti Pal
Jun 14, 2023

एक वक्त था जब तख्त-ए-ताउस आगरा की शान हुआ करता था

1150 किग्रा शुद्ध सोने से बना ये तख्त 1648 में दिल्ली ले जाया गया था. ये मुगल काल की सबसे बेशकीमती चीजों में से एक था

तख्त-ए-ताउस को भी ताजमहल की तरह शाहजहां ने ही बनवाया था. उस दौर में शाहजहां के इस तख्त को बनाने में ताजमहल से ज्यादा पैसा खर्च हुआ था

1150 किलो शुद्ध सोने के अलावा इस शाहजहां के इस तख्त-ए-ताउस में बेशकीमती हीरे और बेशकीमती रत्न जड़े हुए थे

हालांकि, दिल्ली के बाद वर्ष 1739 में ईरान का नादिरशाह तख्त-ए-ताउस को लूटकर अपने साथ ले गया था

लेकिन सन 1747 में उसकी मौत के बाद तख्त-ए-ताउस कहां गया ये एक रहस्य बनकर ही रह गया

दिल्ली के लाल किले में दीवान-ए-खास में आज भी तख्त-ए-ताउस की जगह मौजूद है

उस समय के 3 बड़े कवियों ने तख्त-ए-ताउस पर कविताएं भी उकेरी थीं

तख्त-ए-ताउस को मयूर सिंघासन भी कहा जाता था क्योंकि 2 मोर की आकृति बनी हुई थी जिनपर रत्न जड़े थे

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