साढ़े 10 मिनट में चीन, 113 सेकंड में इस्लामाबाद...भारत की अग्नि से मची खलबली
Rachit Kumar
Mar 11, 2024
मल्टीपल इंडिपेंडेंट टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) टेक्नोलॉजी के साथ भारत में विकसित अग्नि 5 मिसाइल का सोमवार को सफल परीक्षण किया गया.
MIRV टेक्नोलॉजी के तहत किसी मिसाइल में एक ही बार में कई परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता होती है और इन हथियारों से अलग-अलग लक्ष्यों को भेदा जा सकता है.
इसकी एक अन्य खासियत यह है कि इसे सड़क के रास्ते कहीं भी ले जाया जा सकता है. इससे पहले की अग्नि मिसाइलों में यह सुविधा नहीं थी.
मिशन दिव्यास्त्र के टेस्ट के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है, जिनके पास एमआईआरवी क्षमता है. इससे तय होगा कि एक ही मिसाइल कई जगहों पर कई आयुध तैनात कर सके.
इस प्रोजेक्ट की डायरेक्टर एक महिला हैं और इसमें महिलाओं का अहम योगदान है.
हथियार प्रणाली स्वदेशी एवियोनिक्स सिस्टम और हाई सटीकता वाले सेंसर पैकेज से लैस है.
अग्नि-5 की मारक क्षमता 5,000 किलोमीटर है और इसे देश की लंबी अवधि की सुरक्षा जरूरतों को देखते हुए बनाया गया है.
यह मिसाइल चीन के उत्तरी हिस्से के साथ-साथ यूरोप के कुछ क्षेत्रों समेत लगभग पूरे एशिया को अपनी मारक सीमा के तहत ला सकती है.
अग्नि 1 से 4 मिसाइलों की रेंज 700 किमी से 3,500 किमी तक है और पहले ही तैनात की जा चुकी हैं.
भारत पृथ्वी की वायुमंडलीय सीमाओं के भीतर और बाहर दुश्मन देशों की बैलिस्टिक मिसाइल को भेदने की क्षमताएं विकसित कर रहा है.
6 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से सिर्फ 3781 किलोमीटर दूर बीजिंग तक सिर्फ साढ़े दस मिनट में पहुंच सकती है.
इस्लामाबाद पहुंचने में इसे सिर्फ 113 सेकंड ही लगेंगे. यानि दो मिनट से भी कम वक्त में इस्लामाबाद निपट सकता है.
इसकी रेंज में अधिकतर चीन पूरा पाकिस्तान और अफगानिस्तान है. हवा में ही रास्ता बदलने की क्षमता और चालीस किलोमीटर दूर गिरने के बाद भी दुश्मन बच नहीं सकता है.