सगी बहन को मुगल हरम से इस बादशाह कर दिया था बाहर; हो गई थी ऐसी हालत

Rachit Kumar
Sep 30, 2023

मुगलों का इतिहास बहुत विशाल है. हर बादशाह के राज में कई बड़ी घटनाएं हुई हैं, जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं.

बाबर से शुरू हुआ मुगल साम्राज्य पीढ़ियों से गुजरता हुआ शाहजहां के दौर में आया.

शाहजहां और मुमताज महल की तीसरी बेटी का नाम था रोशनआरा. वह मशहूर शायरा भी थी.

रोशनआरा अपने छोटे भाई औरंगजेब को बहुत प्यार करती थी. हर स्थिति में वह उसके साथ खड़ी रही.

कहते हैं कि एक बार रोशनआरा ने अपने भाई की जान तक बचाई थी.

दाराशिकोह को बादशाह बनाने के ऐलान के बाद शाहजहां औरंगजेब को दिल्ली बुलाकर मरवाना चाहता था.

लेकिन रोशनआरा ने औरंगजेब को पहले ही पैगाम भेजकर इस बारे में बता दिया. इस कारण से औरंगजेब की जान बच गई.

यहां से मुगल इतिहास ने एक नया रुख लिया. जब औरंगजेब बादशाह बना तो रोशनआरा का कद कई गुना और बढ़ गया.

उसकी मुगल दरबार में तूती बोलती थी. दारा को रोशनआरा के कहने पर ही औरंगजेब ने मौत की सजा दी.

शाहजहां के पास औरंगजेब ने दारा का कटा सिर भेजा था, जिसे खुद रोशनआरा ने सुनहरी पगड़ी में लपेटा था.

कई इतिहासकार रोशनआरा के विभिन्न प्रेमी होने का भी जिक्र कर चुके हैं. वह हरम में सबसे ऊपर थी.

औरंगजेब के बीमार पड़ा तो उसी ने ही शासन संभाला था. इस दौरान रोशनआरा ने अपनी जायदाद को कई गुना बढ़ा लिया.

उसके ये तौर-तरीके देखकर औरंगजेब परेशान हो गया. जब वह दिल्ली लौटा तो उसने सारे अधिकार रोशनआरा से छीन लिए.

इसके बाद उसने औरंगजेब ने उसे पूरी उम्र अकेले रहने का फरमान सुनाया. इसके बाद रोशनआरा ने लालकिला छोड़ दिया.

वह रोशनआरा बाग में जाकर रहने लगी और वहां 54 साल की उम्र में उसका निधन हो गया.

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