बिहार की जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट देश के सामने रखी गई है. जिसके बाद से पूरे देश में सियासत गरमाई हुई है. आइये आपको बताते हैं बिहार की जातिगत जनगणना का पूरा लेखा-जोखा..
बिहार की कुल जनसंख्या 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 है. जिसमें सामान्य वर्ग की हिस्सेदारी 27.12 प्रतिशत. अनुसूचित जाति की हिस्सेदारी 19.65 प्रतिशत है.
अनुसूचित जनजाति की हिस्सेदारी 1.68 प्रतिशत है, तो पिछड़ा वर्ग की हिस्सेदारी 27.12 प्रतिशत है. वहीं, अति पिछड़ा वर्ग की हिस्सेदारी 36.01 प्रतिशत है.
जातिगत जनगणना की इस रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में हिंदुओं की संख्या 81.99 प्रतिशत है. वहीं बिहार की मुस्लिम आबादी 17.7 प्रतिशत है.
गौर करने वाली बात यह है कि 2011 में हुई जनगणना में बिहार की कुल आबादी 10 करोड़ 40 लाख 99 हजार 452 थी.
इस बार हुई जनगणना में यह आंकड़ा बढ़कर 13 करोड़ सात लाख 25 हजार 310 हो गई है. बीते 12 साल में बिहार की आबादी में 25.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
बिहार में जातिगत जनगणना के मकसद पर ध्यान दें तो नीतीश कुमार ने जो दांव करीब 15 साल पहले चला था, वो अगले चुनाव में उनके बहुत काम आने वाला है.
क्योंकि बिहार में नीतीश कुमार के शासनकाल में बनाये गये अति-पिछड़ा वर्ग की हिस्सेदारी, अन्य सभी वर्गों से ज्यादा है.
यही वजह है कि बिहार की सत्ता में शामिल नेता खुश हैं और उनके मुताबिक जातिगत जनगणना का कदम, ऐतिहासिक रहा है.