क्या बिना शपथ लिए मंत्री नहीं कर सकते काम? जानिए क्या है नियम

Gunateet Ojha
Jun 09, 2024

देश की 18वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों के साथ शपथ ग्रहण की.

यहां आपके मन में ये सवाल जरूर आ रहा होगा कि क्या शपथ ग्रहण के बिना मंत्रियों को जिम्मेदारी का निर्वहन करने नहीं दिया जा सकता?

इसका सीधा और स्पष्ट जवाब 'नहीं' है. प्रधानमंत्री और उनके मंत्रियों को शपथ लेनी ही पड़ती है. शपथ नहीं लेने का कोई विकल्प है ही नहीं.

सांसद, विधायक, प्रधानमंत्री व मंत्रियों को पदभार ग्रहण करने से पहले भारत के संविधान के प्रति श्रद्धा की शपथ लेनी पड़ती है.

शपथ लेने के बाद ही इन पदों पर मनोनीत नेता सरकारी काम शुरू करते हैं. शपथ लिए बिना मंत्री या नेता सरकारी काम में हिस्सा नहीं ले सकते.

शपथ लेने के बाद ही उन्हें सदन में सीट आवंटित होती है और सदन में बोलने का अधिकार मिलता है.

वे शपथ लिए बिना उनको मिलने वाले वेतन और सुविधाओं के भी हकदार नहीं होंगे. सरकारी कामकाज व सदन की कार्रवाई लिए शपथ ग्रहण करना जरूरी प्रक्रिया है.

राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्री, पंच-सरपंच पद की गरिमा बनाए रखने, ईमानदारी व निष्पक्षता और देश की संप्रभुता-अखंडता बनाए रखने की शपथ लेतें हैं.

शपथ किसी भी भारतीय भाषा में ली जा सकती है. देश के 13वें राष्ट़्रपति शंकरदयाल शर्मा ने संस्कृत में शपथ ली थी.

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