शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह का वतन से इश्क उन्हें सेना में लाया, मां ने बताया गर्व से भर देने वाला बचपन का किस्सा

Vinay Trivedi
Sep 15, 2023

सेना में थी परिवार की तीसरी पीढ़ी

बता दें कि शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी थे जिन्होंने सेना ज्वाइन करके देश सेवा की. देश को शहीद कर्नल मनप्रीत पर गर्व है.

2003 में सेना में हुए भर्ती

जान लें कि मनप्रीत सिंह 2003 में सेना में भर्ती हुए थे. 2005 में उन्हें लेफ्टिनेंट के पद पर प्रमोट किया गया था. इसके बाद वह लगातार आगे बढ़ते गए.

कमांडिंग अफसर के रूप में भी किया काम

कर्नल मनप्रीत सिंह साल 2019 से 2021 तक सेना में सेकंड इन कमांड के तौर पर तैनात थे. बाद में उन्होंने कमांडिंग अफसर के रूप में काम किया.

सेना पुरस्कार से हुए थे सम्मानित

जान लें कि शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह को 2 साल पहले सेना पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. शूरवीर कर्नल मनप्रीत सिंह ने देश की रक्षा करते हुए बलिदान दे दिया.

वहां कमांडिंग ऑफिसर बने जहां पिता थे सिपाही

कर्नल मनप्रीत 19 राष्ट्रीय रायफल्स की उसी यूनिट में कमांडिंग ऑफिसर बने, जहां उनके पिता कभी बतौर सिपाही अफसरों को सैल्यूट करते थे.

करीबियों को रह-रह कर सता रहा कर्नल साहब का जाना

कर्नल मनप्रीत सिंह जितने शानदार अफसर थे उतने ही शानदार इंसान भी थे. उनकी जिंदादिली ही उन्हें सबसे अलग बनाती थी इसीलिए कर्नल का अचानक सबको छोड़कर चले जाना उनके परिवार और करीबियों को रह-रह कर सता रहा है.

आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन में हमेशा रहे आगे

आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में हमेशा आगे रहने वाले शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह के घर और ससुराल में मातम है. मां, भाई और पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है.

बचपन में पहन लेते थे पिता की वर्दी

शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह की मां ने बताया कि कर्नल मनप्रीत जब छोटे थे, तब अक्सर अपने पिता की वर्दी पहन लेते थे. उसी वर्दी या यूं कहिए कि वतन से इश्क ने उन्हें सेना में खींच लाया.

बेटे की शहादत पर मां ने क्या कहा?

शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह की मां ने कहा कि मेरे दिल का टुकड़ा गया, मैं क्या कहूं. पहला टुकड़ा था मां के दिल का, पहला टुकड़ा था मां के दिल का, मेरे दिल का टुकड़ा टूटकर गया.

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