इस खूबसूरत किले से लौटते हुए एक चूक ले सकती है आपकी जान!
Arti Azad
Sep 17, 2023
Kalavantin Durg Trek:
बहुत से लोगों को इतिहास में बहुत दिलचस्पी होती है. आपने भी देश-दुनिया के कई मशहूर ऐतिहासिक किलों के बारे में सुना या पढ़ा होगा.
खूबसूरती के लिए है मशहूर
इसी कड़ी में आज हम आपको महाराष्ट्र में स्थित कलावंती किले के बारे में बताएंगे. यह देश के सबसे खतरनाक किलों में से एक है, फिर भी लोग यहां ट्रेकिंग के लिए जाना बहुत पसंद करते हैं.
दोनों तरफ खाई से घिरा है किला
कलावंती किला लगभग 2300 फीट ऊंचा है. इस किले की चढ़ाई के लिए पतली सी सीढ़ियां बनी हैं, जिसके दोनों तरफ खाई हैं. यहां अगर किसी की पैर फिसला तो वह जान से भी हाथ धो सकता है.
फोर्ट देखने देश- दुनिया से आते हैं सैलानी
बारिश के मौसम में यहां आना और भी खतरनाक हो सकता है, क्योंकि रास्ते चिकने और फिसलन भरे हो जाते हैं. ऐसे में आपकी एक गलती जानलेवा साबित हो सकती है.
किले की सुंदरता करती है आकर्षित
बहमनी सल्तनत ने इस किले का निर्माण पनवेल और कल्याण किले पर नजर रखने के लिए किया गया था, लेकिन 1458 ईस्वी में अहमदनगर सल्तनत की हार हुई और यह किला छीन लिया गया.
मुरंजन किला
पहले इसे मुरंजन किले के नाम से जाना जाता था, लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज के राज में इसका नाम रानी कलावंती किला कर दिया गया.
भारत के सबसे ऊंचा और खतरनाक किला
महाराष्ट्र में ऐसे कई खतरनाक और दुर्गम किले स्थित हैं, लेकिन इस फोर्ट की लोकप्रियता का आलम कुछ और ही है. यहां सीढ़ियों के बराबर में न तो रेलिंग है और न ही कोई रस्सी.
एक-एक कदम सीढ़ियों पर चढ़ते और उतरते हैं
सीढ़ियों पर चढ़ते और उतरते समय हुई एक छोटी सी चूक से जान तक जा सकती है. माथेरान-पनवेल के बीच स्थित और रायगढ़ जिले में निर्मित इस फोर्ट के आसपास कई खूबसूरत नजारे हैं.
सूर्यास्त से पहले वापस आ जाते हैं लोग
दिन के उजाले में ही यहां आने वाले टूरिस्ट इस किले से लौटने लगते हैं, क्योंकि शाम के समय में यहां से वापस जाना नामुमकिन है. इस ट्रेक को सूर्यास्त से पहले ही दिन के उजाले में ही पार कर सकते हैं.
ऊंचाई पर होने के कारण नहीं है कोई सुविधा
यहां न तो पानी की व्यवस्था है और न ही बिजली की. ऊंचाई पर होने के कारण यहां शाम होते ही ठंड लगने लगती है. इसी कारण सैलानी शाम होने से पहले ही नीचे उतरना शुरू कर देते हैं.