नई और पुरानी संसद में क्या-क्या अलग? यहां जानिए सबकुछ

Vinay Trivedi
May 28, 2023

सीटिंग कैपिसिटी

नई संसद में कुल 1272 सांसदों के बैठने की व्यवस्था है जबकि पुरानी संसद में 800 सांसद ही बैठ सकते थे.

लागत में बड़ा अंतर

नए संसद भवन की लागत करीब 971 करोड़ रुपये है. वहीं, पुरानी संसद को बनाने में तब लगभग 83 लाख रुपये का खर्च आया था.

आकार में है फर्क

नए संसद भवन का आकार त्रिकोणीय है. वहीं, पुराना संसद भवन गोलाकार था. नए संसद भवन के त्रिकोणीय होने की वजह वैदिक है.

डिजाइन में अंतर

पुरानी संसद में सेंट्रल हॉल है. वहीं, नई संसद में ओपन कोर्टयार्ड है. उसके चारों ओर लोकसभा, राज्यसभा और सेंट्रल लाउंज है.

क्षेत्रफल में फर्क

नई संसद 64 हजार 500 वर्गमीटर के दायरे में बनी हैं. वहीं, पुरानी संसद का क्षेत्रफल 47 हजार 500 स्क्वायर मीटर है.

नई संसद में सेंट्रल हॉल नहीं

पुरानी संसद में संयुक्त बैठक के लिए सेंट्रल हॉल था. लेकिन नई संसद में ये नहीं है. संयुक्त बैठकें लोकसभा में होंगी.

संविधान हॉल

नए संसद भवन में संविधान हॉल बनाया गया है. वहां संविधान की मूल प्रति रखी जाएगी. पुरानी संसद में ये हॉल नहीं था.

नई संसद की खूबियां

नया संसद भवन हाईटेक सुविधाओं से लैस है. इसमें हॉल, लाइब्रेरी, सांसदों के लिए लाउंज, कमिटी रूम और डाइनिंग एरिया है.

पुराने संसद भवन में क्या-क्या था?

पुरानी संसद में बैंक्वेट हॉल, प्राइवेट डाइनिंग रूम, रिफ्रेशमेंट रूम और रीडिंग रूम हैं.

VIEW ALL

Read Next Story