मुगलों ने करीब 200 साल भारत पर राज किया. इसमें बाबर, हुमायूं, अकबर, जहांगीर, शाहजहां और औरंगजेब जैसे मुगल सम्राट शामिल रहे. जिनके पास सैकड़ों रखैलें और बेगमें थीं. जिनसे वो 'मुगल हरम' में खास मुलाकात करते थे.
Shwetank Ratnamber
Apr 22, 2023
अकबर के हरम में लगभग 5 हजार औरतें थी, लेकिन इसके अलावा वो हरम में हिजड़ों को भी रखता था. आप भी सोचेंगे कि जब इतनी सारी रानियां थी तो हिजड़ों को हरम में क्यों रखा जाता था. दरअसल, इसके पीछे अकबर की सोची समझी रणनीति थी.
बाबर ने हराम बनाने की परंपरा शुरू की. फिर यह अकबर और जहांगीर के शासनकाल के दौरान अपने चरम पर थी लेकिन औरंगजेब के शासनकाल के बाद ये प्रथा धीरे धीरे खत्म हो गई.
पुरुषों का हरम में प्रवेश वर्जित था. इसलिए किन्नरों को महिलाओं की सुरक्षा और देखभाल के लिए नियुक्त किया गया था. हिजड़ा होने के कारण उन्होंने बादशाह की बेगमों और कनीजों पर गंदी नजर नहीं डाली.
एक बार जब कोई महिला हरम में प्रवेश करती, तो वह सम्राट की अनुमति के बिना नहीं जाती थी. उसने रात सम्राट के अलावा किसी के साथ नहीं बिताई.
मुगल बादशाह यहां अपनी रातों को रंगीन बनाते थे. हरम में राजा के लिए जाम भी बनाया जाता था. मन होता तो नाचता-गाता भी. किसी भी रानी या बेगम ने सम्राट के आदेशों की अवहेलना करने की जुर्रत नहीं की.
किसी भी अजनबी और पुरुषों को मुगल हरम में जाने की इजाजत नहीं थी. केवल बादशाह सलामत ही वहां जा सकते थे. वह जब भी यहां जाते थे तो अपने कपड़े उतारकर आराम करते थे. तब कोई उनके पैरों की मालिश करती तो कोई उन्हें अन्य तरीके से रिलैक्स करती थी.
हरम के हर कोने में रंग-बिरंगी रोशनी रहती थी. सुंदर परदे लटकते थे. दीवान के ऊपर मखमल की चादर बिछी होती थी. हरम के कमरों से 24 घंटे इत्र की महक आती थी. हर जगह खूबसूरत शाही महिलाएं थीं. यहां हर उम्र की महिलाएं थीं.
मुगल बादशाह के निजी पलों में खलल न पड़े. इसका ध्यान रखा जाता था.
हरम में मुगल बादशाह अपनी रातें रंगीन करते थे. इसलिए सुरक्षा के उद्देश्य से वहां किन्नरों को तैनात किया जाता था. इसके अवाला उनसे हरम की जासूसी और वहां मौजूद औरतों की देखभाल तक कराई जाती थी.