भारतीय सेना लगातार अपने बेड़े को मजबूत कर रही है. इस सिलसिले में सोलर इंडस्ट्रीज द्वारा विकसित पहला स्वदेशी लोइटरिंग म्यूनिशन, नागास्त्र-1, भारतीय सेना को सौंप दिया गया है.
Nagastra-1
Indian Army को स्वदेशी आत्मघाती ड्रोन नागास्त्र-1 (Nagastra-1) का पहला बैच मिल गया है. सेना ने आपातकालीन खरीद शक्तियों के तहत 480 लोइटर म्यूनिशन की आपूर्ति के लिए सोलर इंडुएट्रीज़ इकोनॉमिक्स एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड (EEL) को ऑर्डर दिया था. प्री-डिलीवरी निरीक्षणों के सफल समापन के बाद, EEL ने सेना गोला बारूद डिपो को 120 लोइटर युद्ध सामग्री वितरित की गई है.
मानव रहित हवाई यान (UAV) का नाम 'नागास्त्र' है, जो भारतीय सेना के लिए किसी ब्रह्मास्त्र से कम नहीं है. अब सेना को दुश्मन के घर में घुसकर मारने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक करने की जरुरत नहीं पड़ेगी.
पलक झपकते ही काम तमाम
सीमा के इस पार से ड्रोन उड़ेगा, वह दुश्मन के घर में घुसकर आत्मघाती हमला कर सकेगा.
लॉयटरिंग म्यूनिशन
ऐसे आत्मघाती ड्रोन्स को सेना लॉयटरिंग म्यूनिशन (Loitering Munition) कहती है. आज जो डिलीवरी हुई है उस बैच में 120 ड्रोन्स हैं. ये ड्रोन्स दुश्मन के बंकर, पोस्ट, हथियार डिपो को खत्म कर देगा.
यह पाकिस्तान व चीन जैसे देशों के बीहड़ इलाकों में भी दुश्मन की सेना का बड़ी आसानी के साथ सफाया करेगा. दुश्मन का काल बने इस नागास्त्र की पावर बहुत दमदार है.
आमबोलचाल की भाषा में इस मारक अस्त्र को सुसाइड ड्रोन्स कहते हैं. यानी इसमें अपना नुकसान नहीं होता. इसके वार से दुश्मन काल के गला में चला जाता है. इस एडवांस वेपन को नागपुर की सोलार इंडस्ट्रीज की सब्सिडियरी कंपनी इकोनॉमिक्स एक्सप्लोसिव्स और बेंगलुरु के जेड मोशन ऑटोनॉमस सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने मिलकर बनाया है.
रिपोर्टस के मुताबिक पिछली साल इस हथियार का चीन सीमा के पास लद्दाख की नुब्रा घाटी में सफल परीक्षण हुआ था.