भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रहा है. अब देशवासियों को मिशन गगनयान का इंतजार है, क्योंकि वर्ष 2018 में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान की घोषणा की थी.

Feb 27, 2024

साल वर्ष 2025 में इस मिशन को लॉन्च किया जाना है.हर कोई जानना चाहता था कि मिशन गगनयान पर जाने वाले वो सौभाग्यशाली चार भारतीय अंतरिक्षयात्री कौन होंगे, जो दुनिया में देश का मान-सम्मान बढ़ाएंगे और अंतरिक्ष में तिरंगा लहराएंगे.

देशवासियों का इंतजार खत्म हुआ और प्रधानमंत्री मोदी ने उन चार चेहरों से देश को परिचित कराया और अपने हाथों से Astronauts Wings पहनाए. आइए जानते हैं ये लोग कौन हैं.

मिशन गगनयान के तहत स्पेस में जाने वाले अंतरिक्षयात्री हैं ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अजित कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला. अंतरिक्ष मिशन पर देश के चार नौजवान 140 करोड़ देशवासियों का प्रतिनिधित्व करेंगे.

हर देशवासी इनके बारे में जानना चाहता है कि अंतरिक्ष यात्रा के लिए इनका चुनाव कैसे हुआ? किस तरह की ट्रेनिंग दी गई है? चलिए जानते हैं.

मिशन गगनयान के पहले अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर हैं. ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर का जन्म 26 अगस्त 1976 को केरल के तिरुवजियाड में हुआ था. प्रशांत ने लड़ाकू विमान सुखोई, मिग-21 और 29, हॉक, डोर्नियर के अलावा भी कई विमान उड़ाए हैं।

गगनयान के दूसरे अंतरिक्षयात्री का नाम ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन है। अजीत कृष्णन का जन्म 19 अप्रैल 1982 को चेन्नई में हुआ था. अजीत कृष्णन भी Flying Instructor और टेस्ट पायलट हैं. इनके पास करीब 2900 घंटे विमान उड़ाने का अनुभव है.

भारत के मिशन गगनयान का हिस्सा बनने का अवसर ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप को भी मिला है. अंगद प्रताप का जन्म 17 जुलाई 1982 को प्रयागराज में हुआ था. 18 दिसंबर 2004 को अंगद प्रताप को इंडियन एयरफोर्स की Combat Team में नियुक्त किया गया था.

मिशन गगनयान के चौथे अंतरिक्षयात्री होंगे, विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला. इनका जन्म 10 अक्टूबर 1985 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था. इनके पास 2000 घंटे से ज्यादा एयरक्राफ्ट उड़ाने का अनुभव है, इन्होंने सुखोई, मिग-21 और 29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर जैसे एयरक्राफ्ट उड़ाए हैं.

कई चरण की प्रक्रिया के बाद IAM ने 12 में से 4 लोगों को फाइनल किया, चुने गए चारों को ट्रेनिंग के लिए रूस भेजा गया. रूस के Yuri Gagarin Cosmonaut Training Center में इनकी फरवरी 2020 से मार्च 2021 तक 13 महीने ट्रेनिंग हुई.

VIEW ALL

Read Next Story