मुगल हरम में थी सैकड़ों औरतें, बारी-बारी सबके साथ होता था ऐसा

हरम मुगलों के समय में स्त्रियों के रहने की एक जगह होती थी.

हरम में बादशाह की मर्जी से सैकड़ों से लेकर हजारों औरतें होती थीं.

हरम में बहुत सारी बेगम, रानियां और कनीज हुआ करती थी. मुगल बादशाह भोग विलास के लिए हरम का रुख करते थे. वो अपने हरम में आराम फरमाया करते थे. जहां उनके लिए शराब, शबाब और कबाब हर चीज का इंतजाम होता था.

जब बादशाह आराम करते थे उनके चारों तरफ कनीज और रानियां हुआ करती थीं और बहुत सारे नृत्य और गाने के कार्यक्रम भी चलते थे.

कोई कनीज बादशाह के कपड़े उतारती थी तो कोई उनके शरीर पर सुगंधित तेलों से मसाज करती थीं. तो किसी को बादशाह सलामत के आगे पंखा झलना पड़ता था तो किसी की बादशाह सलामत के पैर दबाकर उनकी थकान उतारनी पड़ती थी.

यह कार्यक्रम तब तक चला करते थे, जब तक बादशाह बिस्तर पर ना जाए और इसके अलावा रात में बिस्तर पर बादशाह के साथ कौन होगी ये भी वो अपनी मर्जी से तय करता था.

रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर कोई कनीज राजा को भा जाए तो उसे एक रात के बाद मार दिया जाया करता था.

हरम के रखवाले किन्नर भी कुछ खास बेगमों को छोड़कर बाकी औरतों को धमकाते रहते थे. यहां गलती की ऐसी सजा दी जाती थी कि हरम की औरतों की चीख निकल जाती थी.

हरम की औरतों को बारी बारी से बादशाह की सेवा में लगाया जाता था. उन्हें वो हर हुक्म बजाना पड़ता था जिसकी फरमाइश बादशाह करते थे.

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