भारत का आखिरी स्टेशन जहां नहीं रुकती कोई ट्रेन, दिखता है वीरान

Rachit Kumar
Jun 09, 2024

दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क भारत में है और हर दिन 11 हजार से ज्यादा ट्रेनें चलती हैं.

एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए रेलवे से ज्यादा किफायती और सुरक्षित साधन कोई और नहीं है.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक स्टेशन ऐसा भी है, जहां से कोई ट्रेन आती-जाती नहीं है.

यह भारत का आखिरी स्टेशन है, जिसका नाम सिंहाबाद है. यह बांग्लादेश के बॉर्डर से लगा हुआ है.

कमाल की बात है कि आजादी के बाद भी यहां की चीजें अंग्रेजों के जमाने की हैं.

यह बंगाल के मालदा जिले के हबीबपुर इलाके में आता है. एक जमाने में यहां ट्रेनें आती-जाती थीं.

भारत के कोलकाता से लेकर ढाका के बीच यहां से कनेक्टिविटी होती थी. सुभाष चंद्र बोस और महात्मा गांधी भी इस रूट का इस्तेमाल कर चुके हैं.

लेकिन आज यह स्टेशन भूतहा नजर आता है. यहां के उपकरण जैसे सिग्नल, टेलीफोन और टिकट घर भी अंग्रेजों के जमाने के हैं.

सिग्नल देने के लिए भी हाथों के गियरों का इस्तेमाल किया जाता है. यहां के बोर्ड पर लिखा है-भारत का आखिरी स्टेशन.

यहां टिकट काउंटर बंद ही रहता है. कुछ कर्मचारी ही काम करते हैं. कभी यहां दार्जीलिंग मेल जैसी ट्रेनों की आवाजाही हुआ करती थी.

1971 में बांग्लादेश के जन्म के बाद दोनों देशों की बीच यात्रा की डिमांड उठने लगी. 1978 में दोनों देशों के बीच डील हुई और यहां से मालगाड़ी चलना शुरू हुई.

2011 में संशोधन के बाद यहां से नेपाल के लिए भी ट्रेनें चलने लगीं. अब यहां से नेपाल और वहां से भारत आने वाली मालगाड़ियां गुजरती हैं.

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